Stan Swamy की याद में भूख हड़ताल, राष्ट्रपति को पत्र, पटना में सभा
Stan Swamy के साथ जेल में रहे 11 ने राष्ट्रपति को लिखा पत्र। आज ही के दिन झारखंड के मानवाधिकार कार्यकर्ता की पुलिस हिरासत में हुई थी मौत। पटना में स्मृति सभा।
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झारखंड के मानवाधिकार कार्यकर्ता 84 वर्षीय Stan Swamy की पुलिस हिरासत में मौत हुई थी। वे बुजुर्ग बीमार थे। इसके बावजूद उनके प्रति जेल प्रशासन और सत्ता ने बेरूखी दिखाई। उनकी उपेक्षा की। उनके साथ जेल में रहे 11 अन्य आरोपियों ने राष्ट्रपति द्रौपदी मूर्मू को पत्र लिखा है। पत्र में उन्होंने फादर स्टेन स्वामी के साथ हुई नाइंसाफी तथा आज भी जेलों में रहे रहे मानवाधिकार कार्यकर्ताओं और अन्य सामान्य कैदियों की स्थिति पर चिंता जताई है और माननीय राष्ट्रपति महोदय से हस्तक्षेप की मांग की है।
इधर पटना में हम पटना के लोग बैनर के साथ विभिन्न संगठनों के नेता-कार्यकर्ता, मानवाधिकार कार्यकर्ता, समाजसेवियों ने पटना जंक्शन के विकट स्टेन स्वामी की याद में स्मृति सभा की। वक्ताओं ने स्टेन स्वामी के प्रति अपनी श्रद्धांजलि अर्पित की और लोकतंत्र, मानवाधिकार की रक्ष के लिए कार्य करते रहने का संकल्प दुहराया।
पटना में हुई स्मृति सभा की अध्यक्षता जन संस्कृति मंच के गालिब ने की। सभा में पद्मश्री सुधा वर्गीज, फादर एंटो, फादर जोश, अनिल अंशुमन, अभ्युदय, कुमार परवेज, कमलेश शर्मा, इंसाफ मंच की आसमां खान, उदयन राय सहित कई अन्य उपस्थित थे।
द वायर ने स्टेन स्वामी के साथ जेल में रहे 11 मानवाधिकार कार्यकर्ताओं के राष्ट्रपति को लिखे पत्र को प्रकाशित किया है। इन कार्यकर्ताओं ने 5 जुलाई, बुधवार को जेल में एक दिन की सांकेतिक भूख हड़ताल की। जिन कार्यकर्ताओं ने राष्ट्रपति को पत्र लिखा है, उनके नाम हैं-सुधीर धावले, रोना विल्सन, सुरेंद्र गाडलिंग, शोमा सेन, महेश राउत, वर्नोन गोनसाल्वे, अरुण फरेरा, हैनी बाबू, रमेश गाइचोर, सागर गोरखे और ज्योति जगदप।
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