मंगलवार को कप्तान अफशां आशिक की अगुवाई में जम्मू-कश्मीर महिला फुटबॉल खिलाड़ियों ने केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह से मुलाकात की थी. मगर इसमें खास बात ये है कि कभी कश्मीर में सेना पर पत्थरबाजी के लिए 23 साल की अफशां आशिक सुर्खियों में आईं थी. मगर इन दिनों वे उन बातों को भूलना चाहती हैं. TOI में छपी खबर के अनुसार, वो कहती हैं कि मेरी जिंदगी अब हमेशा के लिए बदल चुकी है. अब मैं कुछ ऐसा करना चाहती हूं, जिससे मुझ पर मेरे राज्य को और देश को गर्व हो.
नौकरशाही डेस्क
राजनाथ सिंह से मुलाकात के बाद अफशां आशिक ने उनकी तारीफ करते हुए कहा कि गृह मंत्री ने बहुत ही ध्यान से हमारी बातों को सुना और हमारे मुद्दों को जाना. मैं इस बात से काफी खुश और प्रभावित हूं. उन्होंने ने हमारे सामने सीएम महबूबा मुफ्ती को कॉल किया. वे काफी सपोर्टिंग हैं. उन्होंने पहले ही स्पोर्ट्स सेक्रेटरी को महिला फुटबॉल टीम की जरूरतों पर ध्यान देने के निर्देश दे दिए हैं.
वहीं,पत्थरबाजी की घटना को याद करते हुए उन्होंने बताया कि जम्मू कश्मीर पुलिस द्वारा अपमानजनक भाषा के इस्तेमाल के कारण उन्हें गुस्सा आया था. बकौल अफशां – मुझे किसी भी बात का पछतावा नहीं है. अगर पुलिस दुर्व्यवहार नहीं करती तो मुझे पत्थरबाजी करनी ही नहीं पड़ती. लेकिन अब मेरी एक छवि है, जिसे मुझे बनाकर चलना है. मैं अब केवल फुटबॉल पर ध्यान देना चाहती हूं. मैंने नेशनल लेवल की फुटबॉल प्लेयर बनने के अपने सपने को पूरा करने के लिए मुंबई फुटबॉल क्लब ज्वॉइन किया है, लेकन जम्मू कश्मीर महिला फुटबॉल टीम की कप्तानी करना भी मेरे लिए काफी सम्मान की बात है. बता दें कि बहुत जल्द ही अफशां की जिंदगी पर आधारित एक फिल्म भी बनने जा रही है.