कश्मीर पर सुप्रीम कोर्ट में हुई मीडिया पर लगी पाबंदी पर सुनवाई
सुप्रीम कोर्ट ने कश्मीर में मीडिया और अन्य संचार व्यवस्था पर लगी पाबंदी के खिलाफ दायर याचिका पर सनवाई की है. इस दरम्यान केंद्र ने राज्य में मीडिया पर लगाई पाबंदियों पर अपना पक्ष रखा. पाबंदी हटाने की मांग करने वाली याचिका पर सुनवाई के दौरान केंद्र ने उच्चतम न्यायालय को बताया कि जम्मू कश्मीर में दिन प्रतिदिन स्थिति में सुधार हो रहा है, पाबंदियां धीरे-धीरे हटाई जा रही हैं।
मीडिया पर लगी पाबंदी के खिलाफ कश्मीर टाइम्स के सम्पादक अनुराधा भसीन ने याचिका दायर की है. पत्रकार ने अपनी याचिका में पूरे राज्य में मोबाइल इंटरनेट एवं लैंडलाइन सेवाओं समेत संचार के सभी माध्यमों को बहाल करने के निर्देश देने की मांग की है ताकि मीडिया अपना काम कर सके। शर्मा ने जम्मू कश्मीर का विशेष दर्जा खत्म करने के केंद्र के फैसले के एक दिन बाद छह अगस्त को याचिका दायर की थी।
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कश्मी टाइम्स के संपादक की याचिका
अधिवक्ता ने अपनी याचिका में दावा किया है कि अनुच्छेद 370 पर राष्ट्रपति का आदेश गैरकानूनी है क्योंकि यह जम्मू कश्मीर विधानसभा की सहमति के बिना जारी किया गया। वहीं 10 अगस्त को दायर अलग याचिका में अनुराधा भसीन ने कहा कि वह कश्मीर और जम्मू के कुछ जिलों में पत्रकारों एवं मीडिया कर्मियों की आवाजाही पर लगी सभी पाबंदियों को तत्काल हटाने के संबंध में केंद्र और जम्मू कश्मीर प्रशासन के लिए निर्देश चाहती हैं।
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जम्मू कश्मीर की मुख्य राजनीतिक पार्टी नेशनल कॉन्फ्रेंस ने भी जम्मू कश्मीर के संवैधानिक दर्जे में किए गए बदलावों को कानूनी चुनौती देते हुए एक याचिका दायर की है। पार्टी ने तर्क दिया है कि इन बदलावों ने जनादेश के बिना वहां के नागरिकों से उनके अधिकार ले लिए। यह याचिका लोकसभा सदस्य मोहम्मद अकबर लोन और न्यायमूर्ति (सेवानिवृत्त) हसनैन मसूदी ने दायर की है।
इससे पहले अदालत ने दायर याचिका पर कहा था कि कश्मीर पर अदालत सरकार को कुछ समय देना चाहती है. उसके बाद इस मामले में सुनवाई की जायेगी.