सुप्रीम कोर्ट ने आज एक अहम फैसले में कहा कि किसी को मियां-तियां कहना अपराध नहीं है। इसी के साथ कोर्ट ने इस संबंध में दायर मामले को खारिज कर दिया। कोर्ट ने यह भी कहा कि मियां-तियां कहना गलत है, पर इसे अपराध की श्रेणी में नहीं रखा जा सकता। कहा कि इससे धार्मिक भावनाएं आहत नहीं होतीं। हालांकि इससे अन्य सवाल भी खड़े होते हैं, जिसमें दलितों के खिलाफ इसी स्तर के शब्द कहे जाने पर अपराध के मामले दर्ज होते हैं, तो क्या कल एससी-एसटी से संबंधित अपराध निवारण कानून पर भी इसका असर पड़ेगा?
सुप्रीम कोर्ट ने यह फैसला झारखंड के एक मामले की सुनवाई करते हुए दिया। झारखंड के बोकारो के रहने वाले उर्दू अनुवादक मो. शमीमुद्दीन का आरोप था कि एक बुज्रग ने उन्हें आपत्तिजनक शब्द कहे हैं, जिससे उसी धार्मिक भावनाएं आहत हुई हैं। आरोप था कि उसे मियां-तियां और पाकिस्तानी कहा गया। इस पर कोर्ट की बेंच ने सुनवाई करते हुए कहा कि मियां-तियां कहना गलत है, पर इसे अपराध नहीं कहा जा सकता। इससे किसी की धार्मिक भावना आहत नहीं होती। इसी के साथ कोर्ट ने मामले को खारिज कर दिया।
अब देखना है कि एससी-एसटी एक्ट पर इसका क्या प्रभाव पड़ता है, क्योंकि उस कानून में भी अभद्र शब्द बोलने को अपराध की श्रेणी में रखा गया है।