बिहार चैम्बर ऑफ कॉमर्स के सभागार में आयोजित खाद्यान्न व्यावसायियों के राज्यस्तरीय सम्मेलन को सम्बोधित करते हुए उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने कहा कि मंदी के बहाने पूरे देश में निराशा का माहौल बनाने का प्रयास किया जा रहा है। पिछले साल की तुलना में इस साल की प्रथम तिमाही में उपभोक्ता सामानों की बिक्री में इजाफा हुआ है।
तथाकथित मंदी की अफवाहों के बावजूद पिछले साल 2018-19 में जहां बिहार में 1 लाख करोड़ से ज्यादा का माल बिकने के लिए आए थे, वहीं इस साल 2019-20 के पहले 4 महीने (अप्रैल-जून) में ही 34 हजार करोड़ का माल बाहर से बिकने के लिए लाया जा चुका है।
उन्होंने कहा कि देश में ऑटोमोबाइल के 300 शो रूम के बंद होने का दुष्प्रचार किया जा रहा है जबकि बिहार में एक भी शो रूम बंद नहीं हुआ है। उल्टे इस साल अब तक के 4 महीने में 4.68 लाख वाहनों की बिक्री हुई है, जो पिछले साल की इसी अवधि में (4.57 लाख) से 10,400 अधिक हैं। बिहार में बिस्कुट, साबुन जैसे उपभोक्ता सामानों की बिक्री घटने के अफवाह के बावजूद इस साल के 4 महीने में अब तक 507 करोड़ की बिस्कुट की बिक्री हुई है, जबकि पिछले पूरे साल में 1232 करोड़ की बिक्री हुई थी। तेजी से खपत होने वाले उपभोक्ता सामानों की 12,323 करोड़ तथा रेडीमेड गारमेंट की 7000 करोड़ की बिक्री हुई हैं।
श्री मोदी ने कहा कि वर्ष 2018-19 में सबसे ज्यादा 16 हजार 800 करोड़ की टू, थ्री और फोर व्हीलर वाहनों की बिक्री हुई थी। 5,849 करोड़ का सीमेंट, 14,744 करोड़ का आयरन एंड स्टील, 8,864 करोड़ के खाद्य तेल, 5,524 करोड़ के मोबाइल फोन सेट बिकने के लिए लाए गए थे।
2018-19 की तुलना में 2019-20 की पहली तिमाही में पूरे देश में हिन्दुस्तान लिवर लि. के उत्पादों की बिक्री में 7 फीसदी, डाबर इंडिया की 11, काॅलगेट की 4, नेस्ले की 11, बिग बाजार की 8, एयरकंडिशनर की 5 और रेफ्रिजरेटर की बिक्री में 11 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। उन्होंने कहा कि वैट के दौर के विवादित मामलों के निष्पादन के लिए सरकार शीघ्र एकमुश्त योजना लायेगी। वैट की तुलना में अनेक सामनों पर जीएसटी में कर की दर कम हो गई है। कम्पोजिशन स्कीम की सीमा 1 से बढ़ा कर डेढ़ करोढ़ तथा 5 करोड़ तक के टर्नओवर वालों को अब तीन महीने पर विवरणी दाखिल करने की सुविधा होगी। डेढ़ करोड़ तक टर्नओवर वाले छोटे व्यापारी भी मामूली अंशदान देकर ‘प्रधानमंत्री लघु व्यावसायी मानधन योजना’ के तहत 3 हजार रुपये मासिक पेंशन का लाभ उठा सकते हैं। मंदी की अफवाहों से किसी को निराश होने की जरूरत नहीं है।