उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने राज्य के बाढ़ प्रभावित 13 जिलों के कर्जदारों के कर्ज को 2 साल के लिए पुनर्गठित करने, 10 हजार रुपये तक उपभोक्ता ऋण देने तथा बाढ़ प्रभावित जिलों में 10 दिनों के अंदर जिला स्तरीय बैंकर्स समिति की बैठक करने का निर्देश दिया।
मालूम हो कि आपदा की वजह से कर्ज पुनर्गठित होने की स्थिति में एक साल तक जहां कर्ज की वसूली स्थगित रखने व अगली फसल के लिए केसीसी के तहत ताजा ऋण देने का प्रावधान है, वहीं स्थगित अवधि के बकाए कर्ज पर केसीसी कर्जदारों को मात्र 4 प्रतिशत ब्याज देना पड़ेगा।
श्री मोदी ने बताया कि राज्य के 13 जिलों के 111 प्रखंड और 1269 पंचायतों की 104 लाख आबादी इस साल बाढ़ से प्रभावित हुई है। राज्य सरकार प्रति परिवार 6 हजार रुपये की दर से अब तक 21.70 लाख परिवारों को 1300 करोड़ रुपये की सहायता राशि पीएफएमएस के जरिए सीधे उनके खाते में भुगतान कर चुकी है। बाढ़ से दरभंगा, सीतामढ़ी, शिवहर, मधुबनी और अररिया में सर्वाधिक क्षति हुई है। इस दौरान 130 लोगों की मृत्यु और बड़े पैमाने पर कच्चे-पक्के मकानों व फसलों की क्षति हुई है।
एक अन्य बैठक में उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने सरकार की नई पहल मसलन जलवायु परिवर्तन के मुकाबले के लिए किए जा रहे प्रयास, 7 निश्चय की उपलब्धियां, पीएम पैकेज के तहत सड़क, पर्यटन आदि क्षेत्रों में हो रहे कार्य, डीबीटी के जरिए केन्द्र व राज्य सरकार की योजनाओं की राशि हस्तांतरण के लाभ, ई-गवर्नेंस, बैंकिंग प्रक्षेत्र में वार्षिक साख योजना, किसान क्रेडिट कार्ड व मुद्रा लोन आदि के प्रभाव, सौर ऊर्जा के क्षेत्र में किए जा रहे प्रयास, 1951 से जनसांख्यकीय विश्लेषण आदि को आर्थिक सर्वेक्षण में शामिल करने का निर्देश दिया।
इस दौरान श्री मोदी ने कहा कि पिछले कुछ दिनों में अनेक नए मुद्दे और चुनौतियां सामने आई हैं, जिसका सरकार मुकाबला कर रही है। अनके विभागों द्वारा नई पहल शुरू की गई है। जलवायु परिवर्तन और ग्लोबल वार्मिंग एक ऐसा नया मुद्दा है जिससे पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिर्वतन विभाग के साथ-साथ नगर विकास आदि भी मुकाबला कर रहा है। जलवायु परिर्वतन की चुनौतियों के बीच ‘जल-जीवन-हरियाली’, हरित आवरण, बाधों की संख्या में वृद्धि, सोलर इनर्जी को बढ़ावा देने की पहल आदि को विश्लेषित करने की जरूरत है।