उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने पटना के श्री कृष्णपुरी पार्क में दधीचि देहदान समिति की ओर से आयोजित मॉर्निंग वॉकर्स को सम्बोधित करते हुए कहा कि इस नश्वर शरीर का सर्वोत्तम उपयोग नेत्रदान,अंगदान व देहदान है।
इसके माध्यम से कोई व्यक्ति मृत्यु के बाद जल व दफन होकर नष्ट हो जाने वाले शरीर से न केवल दूसरों को जिंदगी दे सकता है,बल्कि खुद भी अमरत्व को प्राप्त कर लेता है। उन्होंने उपस्थित लोगों से नेत्रदान,अंगदान व देहदान के लिए अधिक से अधिक संख्या में संकल्प पत्र भरने तथा दधीचि देहदान समिति के इस अभियान को आंदोलन बनाने की अपील की।
श्री मोदी ने कहा कि नेत्रदान के प्रति जागरूकता का ही नतीजा है कि विगत 4 साल में आइजीआइएमएस में 397 लोगों ने नेत्रदान (कॉर्निया) किया है और अब तक 367 लोगों को कॉर्निया का प्रत्यारोपण कर उनकी जिंदगी को रौशन किया गया है। मेडिकल साइंस की तमाम तरक्की के बावजूदनेत्र,हृदय, किडनी,लिवर आदि का कृत्रिम तौर पर निर्माण सम्भव नहीं हो पाया है,बल्कि किसी मानव द्वारा देकर ही किसी की जान बचाई जा सकती है।
उन्होंने कहा कि इस देश में देहदान व अंगदान की प्राचीन परंपरा रही है । दानवों के संहार के लिए महर्षि दधीचि ने जहां अपनी अस्थियों का तो एक पक्षी को बचाने के लिए राजा शिबि ने अपने शरीर का मांस काट कर बहेलिए को दे दिया था।
संगोष्ठी में विधायक नितिन नवीन,संजीव चौरसिया,पद्मश्री डॉ गोपाल प्रसाद सिंहा,आइजीआइएमएस के नेत्ररोग विभागाध्यक्ष डॉ विभूति सहित बड़ी संख्या में पार्क में प्रातः घूमने वाले लोग शामिल थे।