“बिहार मांगे रिकाउंटिंग आंदोलन” ने सोशल मीडिया पर मचाया भूचाल

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सोशल मीडिया साईट ट्विटर पर “बिहार मांगे रिकाउंटिंग” आन्दोलन ने भूचाल मचा दिया है. गुरुवार को तेजस्वी यादव (Tejashwi Yadav) ने बिहार चुनाव के नतीजों में प्रशाशनिक गड़बड़ी का आरोप लगाते हुए 20 सीटों पर रिकाउंटिंग की मांग की थी.

बिहार चुनाव के नतीजे आने के बाद गुरुवार को तेजस्वी यादव ने पहली बार मीडिया से मुलाकात की. उन्होंने दावा किया कि बिहार की जनता का जनादेश महागठबंधन के पक्ष में था लेकिन चुनाव आयोग के नतीजे एनडीए के पक्ष में आये.

इस दौरान सोशल मीडिया साईट ट्विटर पर #Recounting_Bihar_Election टॉप ट्रेंड करने लगा था. आज #बिहार_मांगें_रिकॉउंटिंग टॉप ट्रेंड कर रहा है एवं इसपर अब तक 1.5 लाख से ज्यादा ट्वीट हो चुके हैं. बड़ी संख्या में ट्विटर यूज़र चुनावों में गड़बड़ी का आरोप लगाते हुए अनेक सीटों पर वोटों की गिनती दुबारा कराने के लिए कह रहे हैं.

गुरुवार को तेजस्वी चुनाव आयोग पर जमकर बरसे. उन्होंने बिहार चुनाव के नतीजों की विश्वसनीयता पर सवाल खड़ा करते हुए दावा किया कि कम से कम 20 सीटों पर महागठबंधन के जीते हुए उम्मीदवारों को प्रशासनिक गड़बड़ी के ज़रिये हराया गया. उन्होंने मांग उठाई कि इन सीटों पर पोस्टल बैलट की गिनती दोबारा करायी जाए. उन्होंने सभी ऐसी सीटों पर जहाँ कम अंतर से जीत/हार हुई है, फिर से रिकाउंटिंग कराने की मांग भी उठाई.

अब सोशल मीडिया पर रिकाउंटिंग की मांग जोर-शोर से हो रही है. विभिन्न यूज़र इसपर ट्वीट कर आक्रोश दिखा रहे हैं. एक ट्विटर यूज़र प्रीतम कुमार ने ट्वीट किया “चुनाव आयोग अपनी विस्वसनीयता खोता जा रहा है”. वही एक और ट्विटर यूज़र दीपक खत्री ने ट्वीट किया “बिहार की जनता रिकाउंटिंग की मांग कर रही है, अगर ऐसा नहीं हुआ तो लोगों का लोकतंत्र से भरोसा उठ जायेगा”.

तेजस्वी ने दावा किया कि 130 सीटों पर महागठबंधन की जीत हुई है. चुनाव आयोग के आंकड़ों के अनुसार, एनडीए और महागठबंधन के कुल वोटों की संख्या में सिर्फ 12,768 वोटों का फर्क है. बिहार चुनाव में कुल तीन करोड़ 14 हज़ार मतदान हुआ लेकिन जीत-हार का फ़ैसला सिर्फ 13 हज़ार मतों के अंतर से हुआ.

तेजस्वी ने सभी सीटों पर जहाँ या तो पोस्टल बैलट रद्द हुए, या जहाँ जीत/हार का अंतर बहुत कम रहा उनपर रिकाउंटिंग की मांग उठाई. उन्होंने चुनाव आयोग से सभी मतगणना केन्द्रों के विडियो फुटेज देने की भी मांग की.

एनडीए के खाते में कुल एक करोड़, 57 लाख, 1 हज़ार 226 वोट गए जबकि महागठबंधन के खाते में कुल एक करोड़, 56 लाख, 88 हज़ार, 458 वोट पड़े. अगर इसे प्रतिशत के लिहाज़ से देखें तो एनडीए को 37.26 प्रतिशत वोट मिले, जबकि महागठबंधन को 37.23 प्रतिशत वोट. यानी, राज्य के दोनों गठबंधन को जो वोट मिले हैं उसके प्रतिशत का अंतर सिर्फ़ 0.03 फ़ीसद का है. तेजस्वी ने बताया कि इतने कम अंतर से 15 सीटों पर एनडीए जीत कैसे हुई ?

बता दें कि अनेक सीटें ऐसी हैं जिसपर हार और जीत में 100 से लेकर 500 वोटों का ही अंतर रहा.

उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने भी कहा कि “ऐसा भी चुनाव होता है. ज्यादा से ज्यादा 12-14 हज़ार का अंतर रहा होगा”. उन्होंने कहा बिहार चुनाव के नतीजों से सभी लोकतान्त्रिक ताकतों को दुःख हुआ है.

हालांकि समाचार एजेंसी UNI की खबर के अनुसार भारत निर्वाचन आयोग (Election Commission of India) ने गुरुवार को बिहार के विपक्षी दलों द्वारा अनेक विधानसभा सीटों पर रिकाउंटिंग कराने की मांग को रिजेक्ट कर दिया.

By Editor