अंगिका के तपस्वी कवि थे चकोर, नृत्य-ऋषि थे डा मोहिनी
अंगिका के तपस्वी कवि थे चकोर, नृत्य-ऋषि थे डा मोहिनी बिहार हिन्दी साहित्य सम्मेलन के अध्यक्ष डॉ. अनिल सुलभ बोले-…
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अंगिका के तपस्वी कवि थे चकोर, नृत्य-ऋषि थे डा मोहिनी बिहार हिन्दी साहित्य सम्मेलन के अध्यक्ष डॉ. अनिल सुलभ बोले-…
डॉ. परमानन्द पांडेय ने ‘अंगिका’ को प्रदान किया भाषा का स्वरूप हिंदी साहित्य सम्मेलन के अध्यक्ष डॉ. अनिल सुलभ ने…
साहित्य सम्मेलन का अगला राष्ट्रीय परिसंवाद सिक्किम में स्थानीय भाषा लेप्चा और हिन्दी के परस्पर भाव–प्रवाह और सहकार पर होगी…
जनवरी। आज से दो दशक पूर्व, जिन दिनों बिहार की राजधानी पटना में साहित्यिक गतिविधियों पर विषाद का ताला पड़…
भारतीय मनीषा के महान व्याख्याकार थे स्वामी विवेकानंद विश्व हिन्दी संवर्द्धन समिति,भारत विकास परिषद और प्रबुद्ध हिन्दु समाज ने दोनों…
जयंती पर आयोजित हुई कवि–गोष्ठी और पुस्तक ‘मानस में लोकाचार‘ का हुआ लोकार्पण पटना– महाकवि रामदयाल पाण्डेय न केवल एक…
पटना, 27 मई। बिहार हिन्दी साहित्य सम्मेलन का 38वां महाधिवेशन आगामी 29-30 जुलाई को आयोजित होगा। दो दिवसीय इस अधिवेशन…
हिन्दी के वरेण्य उपासक और बिहार विधान सभा के अध्य्क्ष रहे डा लक्ष्मी नारायण सिंह ‘सुधांशु’ विनम्रता और सादगी के…