वो शोख़ सितमगर तो सितम ढ़ाये चले है/ तुम हो के कलीम अपनी ग़ज़ल गाये चलो हो
कलीम आजिज हमारे बीच नहीं रहे. पढ़िये यह प्यारी ग़ज़ल जिसे हमें ओबैदुर्रहमान ने भेजी है. औबैदुर्रहमान के पिता डा.…
Journalism For Justice
कलीम आजिज हमारे बीच नहीं रहे. पढ़िये यह प्यारी ग़ज़ल जिसे हमें ओबैदुर्रहमान ने भेजी है. औबैदुर्रहमान के पिता डा.…