अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भारत पर 25 प्रतिशत टैरिफ क्या थोपा भारत के कई उद्योगों के सामने संकट आ गया है। बिहार का मखाना भी संकट में है। मखाना व्यापारी नए टैरिफ से परेशान हैं। अब अमेरिका में मखाना महंगा हो गया है, इसलिए बिहार के मखाना व्यापारी अब नए मुल्कों की तलाश कर रहे हैं, जहां इसे बेचा जा सके।
अमेरिका द्वारा टैरिफ बढ़ाने और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की चुप्पी पर विपक्षी दलों ने संसद के बाहर प्रदर्शन किया। प्रदर्शन में बिहार में जारी एसआईआर के खिलाफ भी इंडिया गठबंधन के सांसदों ने प्रदर्शन किया। प्रदर्शन में कांग्रेस के अलावा राजद, माले सहित अन्य दल शामिल थे।
मालूम हो कि बिहार से पिछले दिनों 600 टन मखाने का निर्यात किया गया। इस निर्यात का 25 प्रतिशत से ज्यादा हिस्सा अमेरिका ने आयात किया था। अब अमेरिका द्वारा टैरिफ बढ़ाने से मखाना के अलावा बासमती चावल, हल्दी, आम लीची, कपड़ा और अन्य खाद्य सामग्री के सामने संकट आ गया है। इन सामग्रियों के निर्यात में उत्तर बिहार का हिस्सा ज्यादा है। यहां के भाजपा-जदयू सांसदों ने इस मुद्दे पर चुप्पी साध रखी है, जबकि पिछले दिनों मखाना केंद्र बनाने के मोदी सरकार के फैसले के बाद इन सांसदों ने खूब चर्चा की थी कि अब बिहार को फायदा होगा।
अमेरिका द्वारा टैरिफ बढ़ाने का सबसे ज्यादा असर खाद्य पदार्थों तथा मैनुफैक्चरिंग उद्योग पर पड़ा है। माना जा रहा है कि इससे भारत के छोटे उद्योग तबाह हो जाएंगे।
इधर इस मुद्दे पर राजनीति भी गरमा गई है। विपक्ष भारत की विदेश नीति पर सवाल उठा रहा है। विपक्षी दलों ने मोदी सरकार की विदेश नीति को पूरी तरह विफल कहा है। प्रधानमंत्री मोदी ने विदेश के दौरे तो खूब किए, भारत में ट्रंप की जीत के लिए पूजा-पाठ तक किए गए। अब वे सभी लोग गायब हो गए हैं।
