पहली बार भाजपा के दो सहयोगियों ने जोरदार झटका दिया है। इसके बाद सरकार का झुकना तय है। टीडीपी और जनसेना ने इंडिया गठबंधन के सुर में सुर मिलाते हुए हेल्थ इंश्युरेंस तथा लाइफ इंश्युरेंस से जीएसटी हटाने की मांग कर दी है। दोनों दलों ने कहा कि हेल्थ इंश्युरेंस पर 18 प्रतिशत जीएसटी सरकार वापस ले। भाजपा टीडीपी को नाराज करने का जोखिम नहीं ले सकती। अब इस बात की उम्मीद बढ़ी है कि सरकार हेल्थ तथा लाइफ इंश्युरेंस पर से 18 प्रतिशत जीएसटी वापस ले लेगी, जिससे मध्य वर्ग को राहत मिलेगा।

टीडीपी सांसद लावू श्रीकृष्णा देवारायालू ने बजट पर बोलते हुए हेल्थ था लाइफ इंश्युरेंस पर से जीएसटी वापस लेने की मांग की। देवारायालू ने जोर देकर हेल्थ तथा लाइफ इंश्युरेंस से जीएसटी हटाने की मांग की। 18 प्रतिशत जीएसटी लगाया गया है, जो मध्य वर्ग पर बोझ है। कहा कि अगर 75 प्रतिशत लोगों के पास लाइफ इंश्युरेंस है और केवल 25 प्रतिशत के पास हेल्थ इंश्युरेंस है, तो यह असंतुलन है। इसका उल्टा होना चाहिए। ज्यादा लोगों के पास हेल्थ या मेडिकल इंश्युरेंस होना चाहिए या बराबर होना चाहिए। अगर जीएसटी समाप्त किया जाएगा, तो ज्यादा लोग हेल्थ इंश्युरेंस कराएंगे।

टीडीपी तथा जनसेना की मांग को भाजपा अनदेखी नहीं कर सकती। पिछली सरकार में भाजपा को अकेले बहुमत था, इसीलिए सहयोगियों की बात का कोई महत्व नहीं था। पिछली सरकार में सहयोगी भाजपा से अलग कुछ भी बोलने की हिम्मत नहीं करते थे। अब स्थिति बदल गई है। पहली बार भाजपा के दो बड़े सहयोगियों ने ऐसी मांग कर दी है, जिसे ठुकराना सरकार को खतरे में डालना होगा।

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राजनीतिक जानकार टीडीपी की मांग को प्रधानमंत्री मोदी की लोकप्रियता घटने का प्रमाण मान रहे हैं। याद रहे आंध्रप्रदेश की राजनीति में टीडीपी बड़ी पार्टी है और भाजपा छोटे भाई के रोल में है। अगर सरकार जीएसटी पर अड़ गई, तो इंडिया गठबंधन इसे जनता का मुद्दा बना देने को तैयार बैठा है।

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By Editor


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