शिक्षक अभ्यर्थियों को मिला ‘युवा हल्ला बोल’ का समर्थन
शिक्षक नियुक्ति की मांग कर रहे अभ्यर्थियों को देश भर में बेरोजगारी के खिलाफ आंदोलन चला रहे युवा हल्ला बोल के अध्यक्ष अनुपम का मिला समर्थन।
दो दिन पहले सातवें चरण की शिक्षक नियुक्ति की मांग कर रहे अभ्यर्थियों पर पटना में पुलिस ने भयानक दमन किया था। पुलिस लाठीचार्ज में कई अभ्यर्थियों को चोट आई थी। अब देशभर में बेरोजगारी के खिलाफ आंदोलन चला रहे हल्ला बोल आंदोलन के संस्थापक अनुपम का समर्थन मिला।
हल्ला बोल के अनुपम ने अपना पूरा समर्थन जताते हुए कहा कि दुखद है कि जिस राज्य में शिक्षकों के सबसे ज्यादा पद रिक्त हैं, वहां बिना किसी प्रदर्शन के सरकार एक कदम आगे नहीं बढ़ाती। आखिर सरकार हम चुनते किस काम के लिए हैं! बेरोज़गारी अब बीमारी नहीं, महामारी बन गई है! बेरोज़गारी रूपी महामारी के खिलाफ 16 अगस्त से शुरू हो रहा है हल्ला बोल यात्रा। इस यात्रा की शुरुआत बिहार के चंपारण से हो रही है। राष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष गोविंद मिश्री ने यात्रा से जुड़ने के लिए 9810408888 पर अपना और अपने जिले का नाम लिखकर व्हाट्सएप करने की अपील की है।
शिक्षक अभ्यर्थियों का आंदोलन लगातार चल रहा है। वे पटना के गर्दनीबाग में हफ्ते भर से विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं, पर सरकार का कोई प्रतिनिधि उनसे मिलने नहीं पहुंचा। हालांकि विरोधी दलों-राजद, कांग्रेस सहित वाम दलों का उन्हें समर्थन मिल रहा है, लेकिन अब तक उनकी मांग अनसुनी की जा रही है।
रुपेश सिंह ने लिखा-सिर्फ शिक्षक ही नहीं बेल्ट्रॉन डाटा ऑपरेटर का भी यही हाल है। जब-जब लाठी खाते हैं, तब-तब कुछ लोग की ज्वाइनिंग होती है, जबकि हर विभाग में डाटा ऑपरेटर की जरूरत है और बेल्ट्रॉन के पास अभी 1600 के आसपास अधियाचना भी गई हुई है अलग अलग विभाग से, पर ज्वाइनिंग नहीं दी जा रही है। सरकार की बेरुखी, दमन के बावजूद आंदोलनकारी युवाओं का हौसला कम नहीं हुआ है। हल्ला बोल का समर्थन मिलने से आंदोलन को ताकत मिली है।
शिक्षक अभ्यर्थियों ने बहाली मांगी, मिली लाठी