तेज-तेजस्वी को आपस में लड़ाने का विरोधियों का सपना असफल होता दिख रहा है. जहां तेजस्वी ने तेज को अपना मार्गदर्शक बताया वहीं तेज ने जिन रामचंद्र पूर्वे पर परोक्ष हमला बोला था उन्हें अपना अभिभावक व मार्गदर्शक कहके संबोधित किया है.
दोनों भाइयों के बीच कथित रूप से यह विवाद दर असल राजेंद्र पासवान को राजद का प्रदेश महासचिव बनाने को ले कर था.पार्टी ने उन्हें प्रदेश महासचिव बना दिया है. राजेंद्र पासवान ने कहा कि उन्हें समूचे लालू परिवार द्वारा महासचिव बनाया गया है. पार्टी के हर बड़े नेता चाहते थे कि मैं यह जिम्मेदारी संभालूं.
गौरतलब है कि तेज प्रताप ने बीते दिनों कहा था कि कुछ असमाजिक तत्व दोनों भाइयों को लड़ाना चाहते हैं लेकिन मैं उनका सपना पूरा नहीं होने दूंगा. उन्होंने तेजस्वी को अपने कलेजे का टकड़ा बताते हुए कहा था कि मैंने ही उन्हें अर्जुन माना है. मैं उन्हें हस्तिनापुर सौंप कर द्वारका भी चला जाऊंगा.
इस घटनाक्रम के बाद जदयू, भाजपा ने, न सिर्फ चुस्की ली थी बल्कि दोनों भाइयों के बीच आग लगाने की कोशिश भी की थी. जदयू के प्रवक्ता संजय सिंह ने कहा था कि सत्ता जब सामने आती है तो खून ( रिश्ता) का कोई मोल नहीं रह जाता. जबकि भाजपा के विनेद नारायण झा ने कहा था कि तेज प्रताप के सर के ऊपर पानी चला गया है. हो सकता है कि उन्हें राजनीतिक रूप से डुबा दिया जाये.
विपक्षियों के इन बयानों को दोनों भाइयों ने बखूबी समझा और इस विवाद को और आगे बढ़ने ना देेने की रणनीति अपनाई. आज लालू प्रसाद के जन्मदिन पर दोनों भाइयों ने एक दूसरे की प्रशंसा की. इतना ही नहीं तेज ने प्रदेश अध्यक्ष रामचंद्र पूर्वे पर जो नाराजगी दिखाई थी, अब उनकी नाराजगी पूर्वे के सम्मान में बदल गयी. तेज ने अपने पिता के जन्म दिन पर कहा – गरीबों के मसीहा, सामाजिक न्याय के पुरोधा राजद के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री लालू प्रसाद जी का जन्मदिन कल सुबह 11बजे प्रदेश अध्यक्ष, हमारे अभिभावक एवं मार्गदर्शक श्री रामचंद्र पूर्वे जी के साथ नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव के आवास पर केक काटकर धूमधाम से मनायेंगे।