कुमार अनिल
बिहार में विपक्ष के नेता तेजस्वी यादव ने कल मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को गोडसे और संघ का आराधक (पुजारी) तक कह दिया, लेकिन आश्यर्य की जदयू के किसी प्रमुख नेता ने तेजस्वी का प्रतिवाद नहीं किया और न ही नीतीश कुमार का बचाव किया। लोग पूछ रहे हैं कि क्या नीतीश कुमार अब अपनी ही पार्टी में अकेले पड़ते जा रहे हैं, या किसी ने जदयू नेताओं को नीतीश का बचाव करने से मना किया?
कल शहीद दिवस के अवसर पर श्रद्धांजलि कार्यक्रम में नीतीश कुमार ने ताली बजाने लगे। उनका यह वीडियो वायरल हो गया। उसी वीडियो को शेयर करते हुए तेजस्वी यादव ने सोशल मीडिया एक्स पर लिखा कि
आज के दिन गोडसे द्वारा राष्ट्रपिता गांधी जी की हत्या करने पर ताली बजाकर उसका जश्न मनाते गोडसे उपासक बिहार के मुख्यमंत्री श्री नीतीश कुमार। श्री नीतीश कुमार जी तन-मन से गोडसे और संघ के आराधक है।
तेजस्वी यादव ने जिस प्रकार नीतीश कुमार को गोडसे भक्त कहा उसके बाद उम्मीद थी कि जदयू के नेता पुरजोर विरोध करेंगे, क्योंकि यह उनके एकमात्र नेता पर करारा राजनीतिक हमला था। नौकरशाही डॉट कॉम ने जदयू के सोशल मीडिया एक्स को खंगाला लेकिन वहां तेजस्वी के उक्त बयान के खिलाफ किसी नेता का कोई प्रतिवाद नहीं था।
दरअसल तेजस्वी के हमले का विरोध करने के लिए गोडसे का विरोध करना पड़ता। फिर नीतीश कुमार के ताली बजाने पर भी सफाई देनी पड़ती। तो क्या गोडसे के विरोध से जदयू नेता परहेज कर रहे हैं अगर ऐसा है तो किसका दबाव है?
नीतीश कुमार ने गांधी की विरासत को बचाने के लिए कई निर्माण किए, जिनमें बापू टावर प्रमुख है। सवाल तो बनता है कि आखिर बापू को श्रद्धांजलि देते हुए वे ताली क्यों बजाने लगे?
तेजस्वी यादव प्रायः आरोप लगाते हैं कि नीतीश कुमार शासन नहीं कर रहे हैं, बल्कि कुछ रिटायर्ड अधिकारी और भूंजा पार्टी वालों ने सत्ता पर कब्जा कर लिया है। तो क्या भूंजा पार्टी ने तेजस्वी के हमले का विरोध करने से मना किया? सवाल अनेक हैं, पर जवाब देनो वाला कोई नहीं। आखिर में फिर वही सवाल कि तेजस्वी ने नीतीश कुमार को गोडसे भक्त कह दिया लेकिन पूरे जदयू में खामोशी क्यों?
बापू को श्रद्धांजलि देने के बाद नीतीश ताली बजाने लगे, तेजस्वी ने कह दिया गोडसे उपासक