बिहार में विपक्ष के नेता तेजस्वी यादव नीतीश कुमार तथा भाजपा की जमीन छीन लेने की रणनीति पर काम कर रहे हैं। इस कार्य में वे आधा भी सफल होते हैं, तो बिहार में एनडीए सत्ता से बहुत दूर हो जाएगा। तेजस्वी यादव सिर्फ 25 दिनों में तीसरी बार अतिपिछड़ों का जुटान करने जा रहे हैं। यह जुटान 17 फरवरी को भारत रत्न और पिछड़ों खास कर अतिपिछड़ों के नायक कर्पूरी ठाकुर की पुण्य तिथि पर सीतामढ़ी में हो रही है। जिले के सोनबरसा में विशाल रैली की तैयारी चल रही है। इसे तेजस्वी यादव संबोधित करेंगे।
इससे पहले 24 जनवरी को कर्पूरी ठाकुर की जयंती पर तेजस्वी यादव ने मधुबनी जिले के फुलपरास में बड़ी रैली आयोजित की थी। इसमें तब उन्होंने यादवों से बड़ी बात कही थी। कहा था कि सांती मत बनिए, समाजवादी बनिए। यह बयान राष्ट्रीय स्तर पर चर्चित हुआ था। उस रैली में बड़ी संख्या में अतिपिछड़े शामिल थे।
दो दिन पहले तेजस्वी यादव ने पटना में तेली महासभा की रैली की थी, जिसमें अच्छी संख्या में इस समाज के लोग शामिल थे। रैली में तेजस्वी ने नीतीश कुमार तथा भाजपा को निशाने पर लिया था। तेली समाज को भाजपा का खास आधार माना जाता है। उस आधार में भी तेजस्वी सेंध लगाने में जुटे हैं।
और अब मधुबनी जिले के पड़ोसी जिले सीतामढ़ी में तेजस्वी यादव एक बार फिर से अतिपिछड़ों का जुटान करेंगे। यादर रहे सीतामढ़ी, मधुबनी, सुपौल जिले में अतिपिछड़ों की बड़ी आबादी है। सोनबरसा में 17 फरवरी को तेजस्वी यादव फिर से कोई बड़ी घोषणा कर सकते हैं। अब सबकी नजर उस रैली पर है।
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तेजस्वी की माई-बहिन योजना को अच्छा रिस्पांस मिला है। राजद कार्यकर्ता इससे उत्साहित हैं। सीतामढ़ी में वे अतिपिछड़ों के लिए कोई बड़ी घोषणा कर सकते हैं।