तेजस्वी 3 को चेन्नई में, सामाजिक न्याय पर 20 दल बनाएंगे रणनीति

बिहार के उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव 3 अप्रैल को चेन्नई जाएंगे। सामाजिक न्याय और आगे का रास्ता विषय पर 20 दलों के नेता करेंगे चर्चा। बनाएंगे रणनीति।

देश के बैंकों का पैसा लेकर भागे ललति मोदी, नीरव मोदी को ओबीसी साबित करने, नौकरियों में आरक्षण के प्रावधानों की अवहेलना की बढ़ती खबरों के बीच नई खबर यह है कि बिहार के उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव 3 अप्रैल को चेन्नई जाएंगे। वहां सामाजिक न्याय और आगे का रास्ता विषय पर 20 दलों के नेता चर्चा करेंगे और इस मुद्दे पर संघर्ष की रणनीति बनाएंगे। इसका आयोजन तमिलनाडु के मुख्यमंत्री स्तालिन ने किया है।

द टेलिग्राफ की खबर के मुताबिक तेजस्वी यादव के अलावा इस बैठक में जिन नेताओं ने शामिल होने की सहमति दी है उनमें झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन, समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव, नेशनल कॉन्फ्रेंस के फारुख अब्दुल्ला, टीएमसी के सांसद डेरेक ओ ब्रायन, सीपीएम के महासचिव सीताराम येचुरी, सीपीआई के डी राजा, आम आदमी पार्टी के सांसद संजय सिंह, TRS नेता के केशव राव, NCP नेता छगन भुजबल शामिल हैं। खास बात यह कि विपक्ष की इस बैठक में बीजू जनता दल ने बी शामिल होने की सहमति दे दी है। कांग्रेस, शिवसेना सहति कई अन्य दलों ने बी सहमति दी है, लेकिन उनके कौन नेता जाएंगे इसकी सूचना नहीं है।

चेन्नई मीटिंग का महत्व इस बात में है कि विपक्ष की यह गोलबंदी भाजपा के खिलाफ एक नए मोर्चे के रूप में खड़ा हो सकता है। अडानी के मुद्दे पर विपक्ष की गोलबंदी पहले से है, जिसमें जेपीसी बनाने की मांग प्रमुख है। कांग्रेस राहुल गांधी की सदस्यता को आनन-फानन में खत्म करने, सरकारी आवास से बाहर करने को मुद्दा बना रही है। कांग्रेस सहित कई दल संविधान बचाने के नारे के साथ भाजपा के खिलाफ एक मोर्चा पहले से खोल चुके हैं। अब चेन्नई से विपक्ष का भाजपा के खिलाफ एक नया मोर्चा खुल रहा है, जो सामाजिक न्याय के मुद्दे पर केंद्रित होगा।

नौकरी और आक्षण को लेकर दो मुद्दे चर्चा में है। पहला, ईडब्ल्यूएस का कोटा कई बहालियों में ओबीसी से ज्यादा देखा गया है और दूसरा मध्य प्रदेश में बिना मेरिट के आरएसएस से जुड़े लोगों को नौकरी देने का मामला सामने आया है। कर्नाटक में पिछड़े मुस्लिमों के लिए निर्धारित चार प्रतिशत आरक्षण को वहां की भाजपा सरकार ने खत्म कर दिया है। नौकरियों में आरक्षण के अलावा भी सामाजिक न्याय के मुद्दे हैं। उन सबके बारे में चर्चा होगी और संघर्ष के मुद्दों पर रणनीति बनेगी।

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By Editor


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