चुनावी बिगुल के बाद तेजस्वी ने मोदी-नीतीश पर किया दस सवालों की बौछार
चुनाव आयोग द्वारा चुनावी बिगुल फूकने के बाद जहां तमाम चुनावी जंग में कूद पड़े हैं वही नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी व मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर उनकी वादाखिलाफियों की याद दिलाते हुए दस सवालों की बौछारकी है.
तेजस्वी ने प्रेस के लिए जारी बयान में कहा है कि2019 में नए वादों की बात करने से पहले मोदी जी देश को बतायें कि उन्होंने 5 साल में अपने 2014 के घोषणापत्र में किए गए किन-किन वादों को पुरा किया है? आज उन मुद्दों पर बात करने से क्यों कतरा रहे है? उन भारी-भरकम आसमानी वादों, योजनाओं और घोषणाओं का क्या हुआ?
तेजस्वी ने बयान में कहा है कि प्रधानमंत्री जी और बिहार के बड़बोले मुख्यमंत्री व उपमुख्यमंत्री जनता के निम्नलिखित सवालों का जवाब दें:-
1. जनादेश चोरी से बिहार में बनी पलटीमार डबल इंजन की सरकार से बिहार को क्या लाभ हुआ? कुव्यवस्था और बेरोजगारी के अलावा राज्य के हिस्से क्या आया? बीजेपी 2014 के राष्ट्रीय घोषणा पत्र और बिहार में 2015 के विधानसभा चुनाव में किए गए वादों पर बात करने से क्यों शरमा रही है? नीतीश जी का तो कहना ही क्या उनके वादे तो बीजेपी से विपरीत थे लेकिन अब उनकी बैशाखी और जनादेश की डकैती के सहारे ही टिके है।
2. बिहार के लिए विशेष राज्य व विशेष पैकेज का क्या हुआ? जब केंद्र और राज्य में NDA की ही सरकार है तो अब बिहार को उसका अधिकार क्यों नहीं दिया जा रहा?
3. कानून व्यवस्था, शिक्षा, स्वास्थ्य, रोजगार, कृषि, उद्योग जैसे मुद्दों पर बिहार आज भी राष्ट्रीय औसत के सबसे निम्नतम स्तर पर क्यों है जबकि राज्य में पिछले 15 साल से बिहार में इन्हीं जुमलेबाजों और पलटीबाजों की सरकार रही है।
4. रोज़गार के मसलें में बिहार अभी तक देश में सबसे नीचे क्यों है जबकि तथाकथित सुशासन की सरकार लगभग 15 साल से राज्य में है?
तेजस्वी इससे पहले कर चुके हैं नमो-नीतीश से 13 सवाल
5. सुनियोजित अपराध, हत्या, बलात्कार, अपहरण के आंकड़ों को डबल इंजन क्यों लग गया है? भ्रष्टाचार और बलात्कार में लिप्त सत्ताधारी नेताओं को नीतीश कुमार क्यों बचा रहे है?
6. किसानों की स्थिति बद से बदतर हो गई है, कृषि से जीविकोपार्जन असम्भव बना दिया गया है। किसानों के मुद्दों पर डबल इंजन की सरकार असंवेदनशीलता की सारी हदें क्यों पार कर रही है?
7. विद्यार्थी एक लचर और उदासीन शिक्षा व्यवस्था पर निर्भर रहने को विवश क्यों हैं। हर परीक्षा में गड़बड़ियां, शिक्षक, भवनों, पुस्तकों का अभाव आम है।
8. हर प्रतियोगिता परीक्षा व नियुक्ति में धांधली, भाई-भतीजावाद व जातिवाद आम क्यों है। हर परीक्षा पत्र परीक्षा के पहले ही लीक क्यों हो रहा है।
9. स्वास्थ्य सम्बन्धी मुद्दे बाज़ारवाद की भेंट चढ़ गए हैं। गरीब खस्ताहाल सरकारी अस्पतालों में इलाज के नाम पर हो रहे भद्दे मज़ाक पर आश्रित होने को विवश क्यों हैं?
10. पढ़ाई, दवाई और कमाई की जगह भ्रष्टाचार, बलात्कार और अत्याचार को बढ़ावा क्यों दिया जा रहा है? अपराधियों को संरक्षित, संपोषित और सुरक्षित क्यों किया जा रहा है?