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विपक्ष के नेता तेजस्वी यादव ने एक और पलटीमार चाचा की पलटीमार राजनीति की पोल खोल दी। उन्होंने सुपौल में चुनावी सभा को संबोधित करते हुए कहा कि चाचा प्रस्ताव लेकर आए थे कि नीतीश जी के साथ सरकार बनाइए। हमने सवाल किया था कि इस बार पलटी नहीं मारेंगे, इसकी क्या गारंटी है, तो चाचा ने कहा कि इस बार नीतीश कुमार पलटी नहीं मारेंगे। अगर पलटी मारेंगे, तो हम उनका साथ छोड़कर आपके साथ आ जाएंगे। लेकिन बुजुर्ग चाचा पलटी मार गए। पटना वाले चाचा के साथ सुपौल वाले चाचा भी पलटी मार गए। उन्होंने नाम नहीं लिया, पर उनका इशारा जदयू के वरिष्ठ मंत्री बिजेंद्र यादव की तरफ था।
तेजस्वी यादव ने कहा कि हमने बुजुर्ग चाचा पर भरोसा किया और बड़ी पार्टी होने के बाद भी चाचा के कहने पर नीतीश कुमार को मुख्यमंत्री बनाया। पूरा किस्सा सुनाने के साथ ही यह भी कहा कि बुजुर्ग चाचा अपनी बात से पलट गए, लेकिन फिर भी वे उनका सम्मान करते हैं। बस हम यह पूछना चाहते हैं कि मेरी गलती क्या था। क्या पांच लाख नौकरी देना गलती थी। रात-रात भर जाग करकेे अस्पतालों में छापा मारा, ताकि सही से गरीबों का इलाज हो सके, यह गलती थी। आईटी पॉलिसी बनाया, क्या यह गलती थी। हमने नौकरी देने का काम किया, अस्पतालों को सुधारने की कोशिश की, लेकिन चाचा पलट गए।
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इसी के साथ तेजस्वी यादव अपने एजेंडे पर भी खूल बोले। कहा कि इंडिया गठबंधन की सरकार बनेगी और 30 लाख सरकारी नौकरी दी जाएगी। उन्होंने कहा कि भाजपा वाले संविधान को खत्म करना चाहते हैं। वे आरक्षण को भी समाप्त करना चाहते हैं। लेकिन इंडिया गठबंधन के दल ऐसा होने नहीं देंगे। डॉ. आंबेडकर का संविधान खत्म नहीं होने देंगे। उन्होंने प्रधानमंत्री मोदी को भी घेरा। कहा कि वे महंगाई का म नहीं बोल रहे हैं। बेरोजगारी का ब नहीं बोल रहे हैं।