चारा घोटाला में राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद को सजा के एलान के बाद उनके छोटे बेटे और पूर्व उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने लालू प्रसाद की लिखी चिट्ठी सोशल मीडिया जारी किया.इस दौरान तेजस्वी ने लिखा कि ‘आप सबों के नाम पिता जी का खुला पत्र. आपको पढ़ने और औरों को पढ़ाने के लिए कहा है.’
नौकरशाही डेस्क
दो पन्नों में लिखे इस पत्र की शुरूआत में लालू प्रसाद ने लिखा – आप सबों के नाम ये पत्र लिख रहा हूं और याद कर रहा हूं अन्याय और गैर बराबरी के खिलाफ अपने लंबे सफर को. हासिल हुई मंजिल को और सोच रहा हूं अपने दलित, पिछड़े और अत्यंत पिछड़े जनों के बांकी बचे अधिकारों की लड़ाई को.‘ लालू ने पत्र में अपने बचपन के दिनों को याद करते हुए लिखा कि मुझे बचपन की वो सामाजिक व्यवस्था याद आ रही है, जहां ‘बड़े लोगों’ के सामने हम ‘छोटे लोगों’ का सर उठाकर चलना अपराध था. फिर बदलाव की वो बयार भी देखी, जिसमें असंख्य नौजवान जे. पी. आंदोलन से प्रभावित हो उसमें शामिल हो गए. आपका लालू भी उनमें एक था जो कूद पड़ा था सत्ता के संघर्ष में.
उन्होंने लिखा कि संघर्ष के दिनों को याद करते हुए लालू ने इस पत्र में आगे लिखा है कि सच कहूं तो जिस दिन आंदोलन में कूदा था, उस दिन से मुझे आभास था कि राह आसान नहीं होगी. जेल में डाला जायेगा. प्रताडि़त किया जायेगा. झूठे आरोपों की बरसात होगी. लेकिन एक बात तय थी कि मेरी व्यक्तिगत परेशानी गरीब और वंचित जनता की सामूहिक ताकत को बलवती बनाकर सामाजिक न्याय की धारा के लोगों की राह आसान बनायेगी.
कई बातों का जिक्र करते हुए लालू ने अंत में लिखा कि आप में कई लोग सोच रहे होंगे कि लालू चुप क्यों नहीं हो जाता. समझौता क्यों नहीं कर लेता. तो सुन लो … आपका लालू आज भी जमीन पर गरीब के बीच रहता है और देखता है कि किस कदर लोगों को सताया जा रहा है. आज भी वंचित – पिछड़े समाज की हर मुसीबत मेरी व्यक्तिगत मुसीबत है. मैं मानता हूं कि कदम कदम पर पहरे हैं, सत्ता तेरे गरीबों को दिए जख्म बहुत गहरे हैं. लालू को लोकतंत्र और भाईचारे की परवाह है, इसलिए लालू बोलता है. मैं हाथ जोड़कर आप सबों से विनती करता हूं कि आप हताश निराश न हों.. आपकी ताकत लालू को लालू बनाती है.
पत्र में लालू प्रसाद ने सत्यमेव जयते, जय हिंद के साथ अपना हस्ताक्षर किया है, जिसे आज तेजस्वी यादव ने सीबीआई कोर्ट द्वारा लालू प्रसाद को साढ़े तीन साल की सजा सुनाये जाने पर जारी किया.