तेजस्वी यादव ने नीतीश सरकार के खिलाफ अब तक के सबसे आक्रामक बयान में कहा है कि यह सरकार कितनी दोगली है. जी हां दोगली. तेजस्वी ने कहा कि केंद्रीय मंत्री अश्विनी चौबे का ‘दंगाई’ बेटा तलवार के साथ फेसबुक लाइव कर रहा है जबकि उसके खिलाफ अरेस्ट वारंट है.
तेजस्वी ने एक के बाद एक हिंदी-अंग्रेजी में इस संबंध में चार ट्विट किया है. तेजस्वी ने लिखा है कि नीतीश जी कहां है आपके कानून का राज? तेजस्वी ने लिखा मिस्टर सीएम इतना डरपोक मत बनिये. केंद्रीय मंत्री अश्विनी चौबे का बेटा दंगा भड़काने के आरोप में अरेस्ट वारंट का सामना कर रहा है. नीतीश सरकार पर शर्म है.
तेजस्वी ने एक ट्विट में लिखा- ‘बिहार के ढोंगी व पाखण्डी मुख्यमंत्री ने केंद्रीय मंत्री अश्विनी चौबे के दंगाई सुपुत्र पर दिखावटी ‘अरेस्ट वारंट’ निकाल रखा है लेकिन वह पटना में CM आवास के बग़ल में ही बीजेपी विधायकों की मौजूदगी में तलवार थामे फेसबुक लाइव कर रहा था. कितनी दोगली है नीतीश सरकार? जी हाँ, दोगली’!
एक अन्य ट्विट में हमला जारी रखते हुए विधानसभा में विरोधी दल के नेता ने लिखा – ‘ केंद्रीय मंत्री अश्विनी चौबे के दंगा आरोपित बेटे ने नीतीश कुमार की क़ानून व्यवस्था को एकदम नंगा कर दिया है. एक तरफ़ नीतीश सरकार उसके ख़िलाफ वारंट निकलवा रही है दूसरी तरफ वह पटना में खुलेआम तलवार हाथों में लिए घूम रहा है और नीतीश के क़ानून के राज को ज़ोरदार लात मार रहा है.’
अब भाजपा ने भी नीतीश को धमकाया
उधर इस मामले में अभ भाजपा भी नीतीश कुमार पर हमलावर होते हुए उन्हें चुनौती दे डाली है. राज्यसभा सांसद सुब्रमणियम स्वामी ने कहा है कि राज्य सरकार कर क्या रही है. आरोपी के खिलाफ अरेस्ट वारंट है. नीतीश सरकार के पास पुलिस है. उनसे पूछा जाना चाहिए कि वह आगे बढ़ें और अरेस्ट करें.
तेजस्वी ने लिखा है कि केंद्रीय मंत्री का बेटा पटना में रामनवमी के जुलूस में तलवार लहराता हुआ निकल पड़ा जिसके साथ भाजपा के विधायक भी थे. जबकि उसके खिलाफ अरेस्ट वारंट है. उसने भागलपुर में दंगा भड़काया था.
उधर केंद्रीय स्वास्थ्य राज्य मंत्री अश्विनी चौबे ने अपने बेटे के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट को गलत बता रहे हैं. उनका कहना है कि उनका बेटा बिल्कुल सही है और उसने कोई गलत काम नहीं किया है.
चौबे के बेटे अर्जित चौबे के खिलाफ यह वारंट इसलिए जारी किया गया है क्योंकि उन्होंने 17 मार्च को बिना किसी इजाजत के जुलूस निकाला था.जुलूस में बजरंग दल, आरएसएस और बीजेपी के लोग भी शामिल थे. इसके बाद वहां दंगा भड़क गया था.