विश्वास यात्रा से घबराई सरकार, तेजस्वी पर नए मुकदमों की तैयारी
विश्वास यात्रा से घबराई सरकार, तेजस्वी पर नए मुकदमों की तैयारी। पूर्व उपमुख्यमंत्री की यात्रा 20 फरवरी से। नीतीश कुमार खंगाल रहे फाइलें।
कुमार अनिल
बिहार की राजनीति का एक बिल्कुल नया दौर शुरू हो रहा है। एक तरफ पूर्व उपमुख्यमंत्री पूर्व उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव 20 फरवरी से जन विश्वास यात्रा पर निकलने वाले हैं और दूसरी तरफ भाजपा और नीतीश सरकार तेजस्वी के उप मुख्यमंत्री रहते लिए गए निर्णयों की समीक्षा कर रही है। पहले नीतीश कुमार और अब भाजपा के उपमुख्यमंत्री विजय सिन्हा ने घोषणा की है कि तेजस्वी यादव के विभागों के निर्णयों की समीक्षा की जाएगी।
दरअसल तेजस्वी यादव ने सत्ता से बाहर होने के बाद एक नारा दिया 17 साल बनाम 17 महीना। उन्होंने अपनी सरकार को नौकरीवाली सरकार कहा। कहा कि जो काम नीतीश कुमार ने भाजपा के साथ रहते हुए 17 साल में नहीं किया, वह काम उन्होंने 17 महीने में करवाया। चार लाख से ज्यादा युवकों को नौकरी दी। तेजस्वी का यह नौकरीवाली सरकार का नारा नीचे गांव-गांव पहुंच चुका है। इसकी कामट भाजपा के दिग्गज और नीतीश कुमार नहीं कर पा रहे हैं। उनकी सारी कोशिश अब इसी बात में है कि किसी तरह तेजस्वी यादव के उपमुख्यमंत्री रहते किसी निर्णय की कोई खामी पकड़ में आ जाए। ऐसा होते ही भाजपा हमला करेगी कि तेजस्वी की सरकार नौकरी वाली सरकार नहीं थी, बल्कि लूट और भ्रष्टाचार वाली सरकार थी। सवाल है कोई गड़बड़ी नहीं मिली, तो भाजपा क्या करेगी। एक राजद नेता ने कहा कि झूठे मुकदमे भी गढ़े जा सकता हैं।
याद रहे दो दिन पहले कांग्रेस के सारे बैंक खाते इनकम टैक्स विभाग ने फ्रीज कर दिए। वह भी साधारण कारण को लेकर। कांग्रेस ने इनकम टैक्स को जानकारी देने में छह महीने की देर की। भाजपा की कोशिश है कि कांग्रेस को आर्थिक रूप से पंगु बना दिया जाए। हालांकि राहुल गांधी ने मजबूती से कहा कि कांग्रेस धन की पार्टी नहीं है, जन की पार्टी है। तो क्या इसी तर्ज पर तेजस्वी यादव को भी घेरने की तैयारी हो सकती है?
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