तेजस्वी का बंगला बना अस्पताल, नीतीश को कहा, कीजिए संचालन
तेजस्वी ने आज अपने बंगले को कोविड केयर सेंटर के रूप में विकसित करके इसे सरकार को सौंप दिया। आग्रह किया कि इसका संचालन सरकार करे। क्या-क्या हैं सुविधाएं?
बिहार में विपक्ष के नेता तेजस्वी यादव ने आज बड़ा कदम उठाते हुए अपने सरकारी बंगले को कोविड केयर सेंटर या आईसोलेशन वार्ड की तरह विकसित करके बिहार सरकार को सौंप दिया। उन्होंने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से आग्रह किया कि इसका संचालन अब सरकार करे।
बात-बात पर तेजस्वी पर राजनीतिक हमला करने वाले अब क्या कहते हैं, यह देखना है। क्या जदयू-भाजपा के मंत्री भी अपना सरकारी बंगला छोड़ेंगे और उसमें कोविड मरीजों को रखा जाएगा?
विपक्ष के नेता तेजस्वी यादव ने आज ट्विट किया-अपने आवास पर स्थापित सुसज्जित कोविड केयर सेंटर के संचालन और अग्रेतर कारवाई हेतु माननीय स्वास्थ्य मंत्री को पत्र भी लिखा है। माननीय मुख्यमंत्री को भी पत्र की प्रतिलिपि भेजी गयी है। तेजस्वी ने स्वास्थ्य मंत्री को एक पत्र भी लिखा है।
पत्र में तेजस्वी ने लिखा है कि राज्य में मेडिकल सुविधाओं का अभाव किसी से छिपा नहीं है। सरकारी अस्पतालों में बेड नहीं है, लोग मजबूरी में प्राइवेट अस्पताल में जा रहे हैं। गरीब मरीज प्राइवेट में नहीं जा सकते और असमय उनकी मौत हो रही है। ऐसे हजारों मरीज हैं, जिन्हें होम आईसोलेशन में रहने की सलाह दी जाती है, पर उनके घर में दो कमरे नहीं होते।
जनाक्रोश को डायवर्ट करने के लिए क्या कर सकते हैं मोदी
ऐसे सारे मरीजों की परेशानी देखकर उन्होंने अपने सरकारी आवास में बेड, ऑक्सीजन, दवा और भोजन की व्यवस्था कर दी है। सरकार जल्द से जल्द इसका उपयोग करे।
तेजस्वी ने नीतीश सरकार को मुश्किल में डाल दिया है। सरकार शायद ही बंगला लेकर उसमें मरीज रखे। ऐसा करने पर सत्ता पक्ष के लोगों पर दबाव बनेगा कि वे भी अपना बंगला मरीजों के लिए दें। अगर सरकार तेजस्वी के प्रयास का कोई जवाब नहीं देती है, तब भी जनता में यह सवाल बनेगा कि सरकार जब खुद ही एनजीओ, सामाजिक संस्थाओं से कोविड काल में सहयोग मांग रही है, तो तेजस्वी के सहयोग को स्वीकार क्यों नहीं कर रही?
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का विपक्ष के प्रति जो रवैया है, उसमें नहीं लगता कि वे तेजस्वी के बंगले का मरीजों के लिए वे उपयोग करेंगे। संभव है तेजस्वी को अब धरना देना पड़े कि मेरी सेवा स्वीकार करो।