तेजस्वी करेंगे उस मुद्दे पर रैली, जिस पर किसी नेता ने नहीं की
पंजाब, हरियाणा, पश्चिम उप्र के किसान एमएसपी के लिए लड़ रहे हैं। बिहार की भिन्न स्थिति है। यहां के सबसे बड़े मुद्दे पर तेजस्वी करेंगे रैली। 2021 में 1974 ?
कुमार अनिल
बिहार का जो सबसे बड़ा सवाल है, वह देश का भी बड़ा और भयानक सवाल है। देश के सारे दल और सारे नेता इस पर बोलते रहे हैं, सरकार को घेरते रहे हैं, लेकिन किसी दल, किसी नेता ने इस मुद्दे विशेष पर रैली और दीर्घकालीक संघर्ष नहीं छेड़ा है। अब तेजस्वी यादव ने ऐलान कर दिया है कि वे देश के इस प्रमुख मुद्दे पर दीर्घकालिक संघर्ष की शुरुआत बिहार से करेंगे।
पंजाब, हरियाणा और प. यूपी के किसान तीन कृषि कानूनों पर खूब लड़े। मोदी सरकार को झुका दिया। अब वे एमएसपी के लिए लड़ रहे हैं। बिहार की स्थिति भिन्न है। यहां बेरोजगारी सबसे बड़ा सवाल है। राजद नेता डॉ. अजय कुमार सिंह ने एक फोटो शेयर किया है और लिखा है कि भेड़-बकरी तरह रोजगार के लिए पलायन कर रहे बिहार के युवा।
बेरोजगारी पूरे देश की समस्या है। दो दिन पहले 50 लाख युवकों ने ट्विटर पर अपना दर्द, अपना आक्रोश जताया, लेकिन मोदी सरकार जिन्ना-पाकिस्तान-मुसलमान में देश को उलझाए रखना चाहती है। तेजस्वी यादव ने बेरोजगारी पर जल्द ही बड़ा आंदोलन छेड़ने की घोषणा कर दी है। एक टीवी चैनल से बात करते हुए तेजस्वी ने कहा कि जल्द ही बेरोजगारी के मुद्दे पर ऐतिहासिक रैली करेंगे। तेजस्वी की यह रैली तीन महीने बाद मार्च में हो सकती है।
बेरोजगारी के मुद्दे पर जो बिहार की हालत है, वही यूपी, बंगाल और खासकर पूरे उत्तर भारत की हालत है। यूपी और बिहार को डबल इंजन की सरकारों ने लेबर स्टेट बनाकर छोड़ दिया है। तेजस्वी अगर इस मुद्दे पर दीर्घकालिक संघर्ष छेड़ते हैं, तो बिहार देश को एक बार फिर दिशा देगा, जैसा 1974 में उनके पिता लालू प्रसाद ने जेपी के नेतृत्व में किया था।
राजद प्रवक्ता चितरंजन गगन ने कहा कि एनडीए ने पिछले साल विस चुनाव में 19 लाख रोजगार देने का वादा किया था। वह वादा नीतीश सरकार भूल गई है। शिक्षक नियुक्ति लटकाई गई है। सरकारी विभागों में लाखों पद खाली हैं, उन्हें भरने की कोई योजना नहीं है। सरकार बिहार की युवा शक्ति को बर्बाद करने पर तुली है।
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