जाति गणना-आरक्षण के दबाव में कर्पूरी जी को दिया भारत रत्न : तेजस्वी
जाति गणना-आरक्षण के दबाव में कर्पूरी जी को दिया भारत रत्न : तेजस्वी। बोले- कर्पूरी जी के कदमों पर चलते हुए लालू जी ने गरीबों को दी जुबान।
उप मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने समाजवादी नेता तथा पूर्व मुख्यमंत्री कर्पूरी ठाकुर की जन्मशती पर आयोजित कार्यक्रम को संबोधित करते हुए उन्हें भारत रत्न देने का स्वागत किया। साथ ही यह भी बताया कि कर्पूरी जो को भारत रत्न देने के लिए हमलोग वर्षों से मांग कर रहे थे, लेकिन आज भारत रत्न दिया गया। देर से दिया गया। भारत रत्न देने के पीछे हमारी सरकार के दो बड़े कार्य हैं। राज्य में महागठबंधन सरकार ने जाति गणना कराई तथा पिछड़ों, अतिपिछड़ों का आरक्षण बढ़ाया। इन दो निर्णयों से बाजपा भीतर से हिल गई है। इसी वजह से लोकसभा चुनाव के ठीक पहले कर्पूरी जी को भारत रत्न का सम्मान दिया गया।
तेजस्वी यादव ने पटना के श्रीकृष्ण मेमोरियल हॉल में आयोजित जयंती समारोह को संबोधित करते हुए कहा कि कर्पूरी जी को भारत रत्न मिला है, यह खुशी की बात है। दरअसल यह आपकी ताकत है। गरीबों की ताकत है। उसी ताकत के कारण केंद्र सरकार ने सम्मान दिया।
उन्होंने कहा कि कर्पूरी जी के निधन के बाद बहुतों ने सोचा था कि समाजवादी धारा खत्म हो जाएगी, लेकिन लालू जी ने कर्पूरी जी के सपनों को जमीन पर उतारा। लालू जी ने गरीबों को जगाया। उन्हें अपने हक के लिए बोलना सिखाया। गरीबों को जुबान दी। तेजस्वी यादव ने खुद के बारे में कहा कि वे सौभाग्यशाली हैं कि वे कर्पूरी जी के साथ काम कर चुके लालू जी के पुत्र हैं। उन्हें अपने पिता पर गर्व है, जिन्होंने कर्पूरी जी के कार्य को आगे बढ़ाया और समाजवादी राजनीति को नई ताकत दी।
उन्होंने कहा कि लालू जी कभी डरे नहीं, झुके नहीं। लाठी खाई, मुकदमे झेले, जेल गए लेकिन गरीबों की लड़ाई के साथ समझौता नहीं किया। मौसम कैसा भी रहे, वे तन कर खड़े रहे। तेजस्वी ने कहा कि गरीबों के लड़ाई अभी जारी है। हमलोग उसे आगे बढ़ाएंगे। तेजस्वी यादव जब बोल रहे थे, तब बार-बार तालियां बज रही थीं। श्रीकृष्ण मेमोरियल हॉल पूरी तरह खचाखच भरा हुआ था। गेट तक जाम था। भीतर जाने में असमर्थ लोग बाहर खड़े होकर तेजस्वी यादव का भाषण सुनते रहे।
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