तेजस्वी के हमले से पहली बार डिफेंसिव दिखे नीतीश

तेजस्वी के हमले से पहली बार डिफेंसिव दिखे नीतीश

विधानसभा के बाहर और भीतर लगातार विरोध, आलोचना और राजनीतिक हमले के बाद पहली बार मुख्यमंत्री नीतीश कुमार डिफेंसिव दिख रहे हैं।

कुमार अनिल

विपक्ष के नेता तेजस्वी यादव के लगातार हमले के बाद पहली बार मुख्यमंत्री रक्षात्मक मुद्रा में दिखे। मुख्यमंत्री ने कल विधानसभा में सरकार का पक्ष रखते हुए अपने विधायकों से कहा कि आपके क्षेत्र में कोई भी गड़बड़ी हो, तो सीधे मुझे बताइए। मुख्यमंत्री ने कहा- मैं हाथ जोड़कर विनती करता हूं कि कोई भी गड़बड़ी दिखे, तो सीधे मुझे बताइए। पत्र लीखिए। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने विधायकों से आखिर हाथ जोड़कर क्यों निवेदन किया? क्यों कहा कि गड़बड़ी बताइए ?

इससे पहली बात बिल्कुल स्पष्ट है कि वे मानते हैं कि गड़बड़ी है या गड़बड़ी हो सकती है। तभी तो उन्होंने कहा कि विधायक गड़बड़ी बताएं। दूसरी बात यह कि मुख्यमंत्री के ऐसा कहने की स्थिति क्यों सामने आई?

इसे समझने के लिए विपक्ष के तेवर, उसके सवाल को देखना होगा। ऐसा एक दिन में नहीं हुआ। पिछले एक महीने से विपक्ष के नेता तेजस्वी यादव ने जनता से जुड़े हर मुद्दे पर सरकार को घेरा। रुपेश सिंह हत्याकांड और उसके बाद लगातार अपराध की घटनाओं पर तेजस्वी की पहल ने विपक्ष का मनोबल बढ़ाया। इसी दौरान एक नेशनल टीवी के पत्रकार के सवाल पर मुख्यमंत्री उत्तेजित हो गए थे, जिसका वीडियो वायरल हुआ था।

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तेजस्वी की दूसरी पहल थी बेरोजगारों के साथ खड़ा होना। इसी बीच मैट्रिक के प्रश्नपत्र बार-बार लीक होने लगे। हालत यह हो गई कि परीक्षा रद्द करनी पड़ी। इसे भी विपक्ष ने बड़ा मुद्दा बनाया। कोरोना जांच में गड़बड़ी का सवाल नेशनल मीडिया में उठा। इसे भी विपक्ष ने मुद्दा बनाया।

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इस तरह तेजस्वी ने अपराध, शिक्षा, स्वास्थ्य और रोजगार के सवाल लगातार उठाए। इसका जवाब यह नहीं हो सकता कि विपक्ष को एबीसीडी नहीं आती। 15 साल पहले क्या था, यह भी जवाब कारगर नहीं होगा। सवाल जनता से सीधे जुड़े हैं और इनकी अनदेखी विपक्ष को ताकतवर ही बनाती जाएगी।

तेजस्वी ने विधानसभा में सरकार से एक खास बात कही। उन्होंने कहा कि गलती हुई है, तो स्वीकार करिए। इसके बाद ही सुधार संभव होगा। मुख्यमंत्री का विधायकों से हाथ जोड़कर यह कहना कि गड़बड़ी बताइए, दरअसल गलती स्वीकार करना ही है। हां, सीधे स्वीकार करना नहीं है। हिंदी में एक मुहावरा है सीधे कान न छू कर हाथ घुमा कर सिर के पीछे से छूना। यह वही है।

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