तेजस्वी केरल पहुंचे, सरकार में शामिल LJD का राजद में विलय
तेजस्वी केरल पहुंचे। जनता परिवार से निकले लोकतांत्रिक जनता दल का राजद में विलय के लिए बैठक जारी। लालू का संदेश कि खून की आखिरी बूंद तक भाजपा से लड़ेंगे।
उप मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव केरल के समाजवादी नेता एमपी वीरेंद्र कुमार की स्मृति में आयोजित कार्यक्रम में केरल पहुंचे। वीरेंद्र कुमार जनता दल की तरफ से राज्य सभा सदस्य रह चुके हैं। उनकी क्षेत्रीय पार्टी लोकतांत्रिक जनता दल केरल के वाम लोकतांत्रिक मोर्चा का सदस्य है। इस अवसर पर आयोजित कार्यक्रम को केरल के मुख्यमंत्री पिनरई विजयन ने भी संबोधित किया।
हमारे आदरणीय रा० अध्यक्ष श्री लालू प्रसाद जी के सहयोगी रहे एमपी वीरेंद्र कुमार जी एक विद्वान व सैद्धांतिक राजनीतिज्ञ, समाजवादी चिंतक, लेखक, पत्रकार तथा प्रमुख मलयालम दैनिक समाचार समूह मातृभूमि के प्रबंध निदेशक थे।
— Tejashwi Yadav (@yadavtejashwi) May 29, 2023
वो केरल में समाजवादी आंदोलन के वरिष्ठतम नेताओं में से एक थे।… pic.twitter.com/h7kmzkgmxW
तेजस्वी यादव ने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि भाजपा को सिर्फ एक ही चीज में महारत हासिल है। वह समाज को तोड़ने, धर्म के नाम पर नफरत के बीज बोने का ही काम जानती है। भाजपा और संघ परिवार के खिलाफ सारे विपक्षी दल एकजुट हों, तो 2014 में भाजपा को अच्छी तरह हराया जा सकता है।
राजद प्रवक्ता और राज्यसभा सदस्य मनोज झा ने लालू प्रसाद का संदेश बताया। लालू ने कहा कि भाजपा वाले देश को तोड़ रहे हैं। लोकतंत्र खतरे में हैं। वे खून की आखिरी बूंद तक भाजपा और संघ के खिलाफ लड़ेंगे। राजद प्रवक्ता ने कहा कि देश में भाजपा की नफरत की राजनीति और लोकतंत्र को खत्म करके निरंकुश शासन कायम करने के खिलाफ सोशलिस्ट और कम्युनिस्ट की एकता होनी चाहिए। दोनों धारा विचारधारा पर आधारित हैं और दोनों के एक होने का समय आ गया है।
एमपी वीरेंद्र कुमार की पार्टी लोकतांत्रिक जनता दल (लोजद) की बातचीत जनता दल (सेकुलर) के साथ चल रही थी, लेकिन वह टूट गई। कर्नाटक चुनाव में जद-एस की हार तथा भाजपा के प्रति ढुलमुल रवैये के कारण विलय प्रक्रिया टूट गई। इसके बाद लोजद ने राजद में विलय का मन बना लिया। विलय प्रक्रिया को आगे बढ़ाने के लिए ही कल रविवार को कोझिकोट में तेजस्वी यादव को आमंत्रित करने का निर्णय लिया गया। मिली जानकारी के अनुसार लोजद नेताओं की बैठक चल रही है, जिसमें विलय का अंतिम निर्णय लिया जाएगा।
राहुल की मुहिम को बिहार में झटका, जिला अध्यक्षों में 66 % सवर्ण