विपक्ष के नेता तेजस्वी यादव ने जदयू प्रवक्ता नीरज कुमार को 12 करोड़ रुपए का मानहानि नोटिस भेजा है। जदयू प्रवक्ता और एमएलसी ने तेजस्वी यादव पर सैलरी घोटाला का आरोप लगाया था। तेजस्वी यादव ने 12 करोड़ का मानहानि नोटिस भेज कर साफ कर दिया है कि अब कोई कुछ भी आरोप लगा कर बदनाम करने की कोशिश करेगा, तो उसे छोड़ेंगे नहीं। पहली बार तेजस्वी यादव ने नीरज कुमार के खिलाफ नोटिस भेजा है। याद रहे इससे पहले जदयू-भाजपा नेताओं ने मीडिया में दावा किया था कि तेजस्वी यादव ने उप मुख्यमंत्री के नाते मिले बंगले को खाली करते समय नल की चोरी कर ली है। बाद में भवन आवंटन करने वाले विभाग ने स्पष्ट किया था कि यह आरोप गलत है और बंगले के सारे सामान सही हैं।
जदयू प्रवक्ता ने पिछले दिनों सैलरी घोटाले का आरोप लगाते हुए कहा था कि नेता प्रतिपक्ष के पांच वर्ष का आय जब 89 लाख, 75 हजार रुपए ही था तो फिर उन्होंने 4.10 करोड़ रुपए का ऋण कहां से दे दिया? आय से अधिक 3.20 करोड़ , 24 हजार रुपए का ऋण देने के लिए उन्हें कहां से पैसा आया?
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तेजस्वी यादव की तरफ से भेजे गए लीगल नोटिस में कहा गया है कि नीरज कुमार ने 21 अक्टूबर को पटना में प्रेस वार्ता करके आय छुपाने का जो आरोप लगाया, वह बेबुनियाद है। एकेजे लॉ एसोसिएट्स, दिल्ली ने तेजस्वी यादव की तरफ से भेजे नोटिस में कहा है कि तेजस्वी यादव बिहार में विपक्ष के नेता हैं, ट्विटर पर उनके 5.2 मिलियन फॉलोअर्स हैं, समाज में उनकी प्रतिष्ठा है और इसे झूठे आरोप से उनकी प्रतिष्ठा को आघात लगा है। जदयू नेता ने न सिर्फ तेजस्वी यादव पर तथ्यहीन आरोप लगाए, बल्कि उनके पिता के खिलाफ भी अभद्र टिप्पणी की। नोटिस में कहा गया है कि जदयू नेता ने न सिर्फ बिना जांच किए तथ्यहीन आरोप लगाए, बल्कि तेजस्वी यादव की समाज में प्रतिष्ठा को खत्म करने का प्रयास किया। लॉ एसोसिएट्स ने नोटिस में लिखा है कि जदयू नेता 12 करोड़ मानहानि के लिए और 10 लाख रुपए कानूनी कार्रवाई के खर्च यानी 12 करोड़ 10 लाख रुपए दें तथा बिना शर्त सारवजनिक माफी मांगे, ऐसा न होने पर न्यायालय में उन्हें घसीटा जाएगा।