जेपी आंदोलन जैसा तेजस्वी की आंधी, रात दो बजे सभा
जेपी आंदोलन जैसा तेजस्वी की आंधी, रात दो बजे सभा। आम जन में ऐसा जुनून 1977 की याद दिला रहा। आएगा तो मोदी नारे की बिहार में निकल गई हवा।
आज की राजनीति में जब 500-500 रुपए देकर रैली रैली में भीड़ जुटाई जाती है, तब तेजस्वी यादव की सभाओं में उमड़ती भीड़ नया इतिहास लिख रही है। सुपौल में रात दो बजे तक हजारों लोग खड़े होकर तेजस्वी का इंतजार करते रहे, इसकी कल्पना भी कोई दूसरे नेता नहीं कर सकते। यह अभूतपूर्व है। जेपी आंदोलन की याद दिलानेवाला है। उस वक्त भी बदलाव का एक जुनून था। वही जुनून इस बार फिर से तेजस्वी यादव के नौकरीवाली सरकार, नया बिहार नारे के साथ दिख रहा है।
तेजस्वी यादव का गला बैठ गया है, लेकिन वे बिना थके लगातार यात्रा कर रहे हैं। तीन मार्च को पटना में जन विश्वास महारैली के लिए आमंत्रण दे रहे हैं। भाजपा और अनडीए को समझ में नहीं आ रहा है कि तेजस्वी का कैसे विरोध करें। उधर तेजस्वी यादव मंझे हुए नेता की तरह कम शब्दों में अपनी बात कह दे रहे हैं। वे सभाओं में कह रहे हैं कि चाचा पलट गए। लेकिन हम उनका सम्मान करते हैं। वे जहां भी रहें खुश रहें। लेकिन वे अब थक गए हैं। उनसे बिहार नहीं चल रहा है। उनके पास युवाओं के लिए कोई विजन नहीं हैं। बिहार के विकास के लिए कोई दृष्टि नहीं है। अब आप सबको नया बिहार बनाने के लिए आगे आना होगा।
उन्होंने कहा कि “हम लोग नई सोच के हैं, हमें नया बिहार बनाना है! नया बिहार बनाने के साथ साथ हमारी इच्छा है कि सीमांचल और कोसी, जहाँ बिहार की सबसे अधिक ग़रीबी है, में ग़रीबों के उत्थान का काम करें! हमने 17 महीनों में 5 लाख बहाली निकाला! सभी वर्गों का आरक्षण बढ़ाया! सभी वर्गों का सम्मान, सभी का उत्थान किया! हमने 17 महीनों में तेजी से जनता का काम किया!”
तेजस्वी ने रात दो बजे तक लोगों के इंतजार करने पर कहा कि रास्ते भर देर रात आप जाग कर जो इतना स्नेह, समर्थन, सहयोग, आशीर्वाद और विश्वास दे रहे है, वो मेरे ऊपर कर्ज़ है। उन्होंने बिना रुके 15 घंटे तक यात्रा की। हर जगह वही भीड़, वही भीड़ का जुनून। आएगा तो मोदी ही नारा खो गया है। बिहार में कुछ तो होने वाला है।
तेजस्वी की जन विश्वास यात्रा में हुआ ये बदलाव