तेजस्वी ने अपनी कमी स्वीकार कर लूट लिया छात्रों का प्यार

तेजस्वी ने अपनी कमी स्वीकार कर लूट लिया छात्रों का प्यार। कॉलेज छात्रों के समारोह में बताया क्यों छोड़ी पढ़ाई। फिर उनकी डिग्री पर सवाल उठानेवालों को घेरा।

कुमार अनिल

बिहार के उपममुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने कॉलेज ऑफ कॉमर्स, आर्ट एंड साइंस के डायमंड जुबली समारोह को संबोधित करते हुए पहली बार भरी सभा में अपनी कमी स्वीकार की और फिर लूट लिया छात्रों का प्यार। समारोह को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि वे दिल्ली के स्कूल में पढ़ाई कर रहे थे। क्रेकिट भी खेलते थे। अपनी स्कूली टीम के कप्तान थे। फिर उन्होंने क्रिकेट को ही अपना कैरियर बनाने का निर्णय लिया। इसके बाद स्कूल की पढ़ाई छोड़ दी। उनके ऐसा कहने के बाद छात्रों की भीड़ ने उनका हर्ष ध्वनि से स्वागत किया। इसका वीडियो भी उपलब्ध है।

तेजस्वी यादव ने कहा कि वे दो-दो मुख्यमंत्री के बेटा हैं। चाहते तो नकली सर्टिफिकेट पा सकते थे। भाजपा वाले कहते हैं कि लालू राज में जंगल राज था। अगर जंगल राज होता, तो मेरे पास सर्टिफिकेट की कमी नहीं होती। तेजस्वी यादव यहीं नहीं रुके। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को घेरा और कहा कि क्या उनकी डिग्री किसी को मालूम है। उनकी डिग्री पूछने वाले को जेल भेज दिया जाता है।

मालूम हो कि खेल में अनेक खिलाड़ियों ने स्कूल की पढ़ाई छोड़ी है। फुटबॉल के महान खिलाड़ी मेसी, रोनाल्डो और नेमार ने भी स्कूली पढ़ाई छोड़ दी है। दरअसल स्कूल या कॉलेज की पढ़ाई, प्रोजक्ट, होम वर्क करने के बाद कोई अपने खेल पर सौ प्रतिशत ध्यान नहीं दे सकता है। इसीलिए खिलाड़ी पढ़ाई बीच में छोड़ देते हैं। यह बात छात्र-नौजवान अच्छी तरह समझते हैं और इसीलिए उन्होंने तेजस्वी की स्वीकारोक्ति का स्वागत किया।

सिर्फ खिलाड़ी ही नहीं, जिसके पास भी अपना पैशन होता है, खास आइडिया होता है, वे भी पढ़ाई छोड़ देते हैं और अपना उद्यम शुरू कर देते हैं। भारत में यह आम नहीं था, लेकिन अब ऐसे अनेक लोग मिल जाते हैं। विकसित देशों में पढ़ाई छोड़ कर अपना उद्यम खड़ा करने वाले अनेक हैं। बिल गेट्स ने भी पढ़ाई छोड़ दी थी। ओपरा विनफ्रे को अमेरिका में क्वीन ऑफ ऑल मीडिया कहा जाता है। उन्होंने पढ़ाई के दौरान ही मीडिया में जाने का निर्णय लिया और पढ़ाई छोड़कर टीवी एंकर बन गईं। सवाल है अपनी पसंद को पहचानना, अपने को पहचानना और उसके अनुसार निर्णय लेना। ऐसा न करने पर बहुत से छात्र दबाव में इंजीनियरिंग की पढ़ाई करने लगते हैं, फिर तनाव में जीते हैं। कोई तो गलत कदम भी उठा लेते हैं, जो ठीक नहीं है। तेजस्वी ने क्रिकेटर बनना चाहा और उसमें पूरा ध्यान देने के लिए पढ़ाई छोड़ दी, तो इसमें गलत कुछ नहीं।

भाजपा उनकी डिग्री को लेकर सवाल उठाती रहती है। तेजस्वी यादव ने इसी तरह एक दो बार और सभा में अपनी कहानी बता दी, तो भाजपा वाले डिग्री पूछना भूल जाएंगे। तेजस्वी ने जो सच्चाई है, उसे बता दिया। छिपाया नहीं। यह बड़ी बात है। उन्होंने प्रधानमंत्री मोदी को घेरा, क्योंकि उनकी डिग्री छिपाई जाती है।

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By Editor


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