बिहार में विपक्ष के नेता तेजस्वी यादव ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को जबरदस्त घेरा है। उन्होंने पूछा कि आप बिहार के मुख्यमंत्री है और अपनी ही जनता से मिलने के लिए 250 करोड़ रुपए पानी की तरह क्यों बहा रहे हैं। तेजस्वी यादव के इस बयान के बाद राजद के कई नेताओं ने कहा कि मुख्यमंत्री को स्वयं के प्रचार की आदत रही है, लेकिन ये आदत बिहार के लिए इस बार महंगा पड़ रहा है।
मालूम हो कि नीतीश कुमार राज्य की महिलाओं से मिलने के लिए बिहार यात्रा पर निकलने वाले हैं। उनकी महिला संवाद यात्रा के लिए बिहार सरकार ने 225 करोड़ रुपए की मंजूरी भी दे दी है। उनकी यात्रा 15 दिसंबर से शुरू होने वाली है। लेकिन जदयू सूत्रों ने बताया कि यात्रा टल भी सकती है। 15 दिसंबर के बाद ठंड बढ़ जाएगी और उस स्थिति में मुख्यमंत्री के स्वास्थ्य को देखते हुए यात्रा 14 जनवरी के बाद हो सकती है।
इधर तेजस्वी यादव ने कहा कि बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार बिहार की जनता से बात करने के लिए जनता की गाढ़ी कमाई का 200-250 करोड़ से अधिक संवाद के नाम पर पानी में बहा रहे हैं। क्या बिहार जैसे पिछड़े और गरीब राज्य के एक मुख्यमंत्री को अपनी ही जनता से बात करने के लिए 200-250 करोड़ खर्च करना उचित है? क्या सरकारी तंत्र और संसाधनों की खुली लूट नहीं है? आश्चर्यजनक यह है कि यह यात्रा बंद कमरों में में होगा जहां मीडिया की एंट्री नहीं होगी क्योंकि सभी संशकित है कि मुख्यमंत्री जी महिलाओं के बीच कब, क्यों, कैसे और क्या बोल देंगे यह कोई नहीं जानता।
इधर जदयू और भाजपा नेता इस मुद्दे पर सुरक्षात्मक स्थिति में हैं। मुख्यमंत्री पहले खुले में लोगों से मिलते थे, मीडिया भी साथ होता था। मुख्यमंत्री के स्वास्थ्य को लेकर भी चिंता जताई जा रही है। एक जदयू नेता ने ने कहा कि मुख्यमंत्री बिहार दौरे पर जनवरी में भी नहीं जाएंगे।