विपक्ष के नेता तेजस्वी यादव ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की महिला संवाद यात्रा पर बड़ा सवाल उठाया है। पूछा कि बिहार जैसे गरीब राज्य के मुख्यमंत्री सिर्फ 15 दिनों की यात्रा के लिए 2 अरब, 25 करोड़ 78 लाख रूपए क्यों खर्च कर रहे हैं। ये पैसा बिहार के विकास पर खर्च हो सकता था, विभिन्न तरह की सेवा देने वाले कर्मियों का मानदेय बढ़ाया जा सकता था, लेकिन ऐसा करने के बजाय मुख्यमंत्री अधिकारियों को लूट की छूट दे रहे हैं।
तेजस्वी यादव ने सोशल मीडिया एक्स पर लिखा-
,,,/- अरब करोड़ लाख रुपए! जी हाँ! आपने सही सुना और ये कैबिनेट नोट भी सही पढ़ा। मात्र दिनों की यात्रा में अरबों रुपए बिहार के खजाने से मुख्यमंत्री श्री नीतीश कुमार अपने प्रचार प्रसार की बाढ़ में बहाने जा रहे है। बरस तक बिहार को बेतहाशा बेरोजगारी, बड़े पैमाने पर पलायन, जानलेवा महंगाई, अपरम्पार अपराध तथा भीषण भ्रष्टाचार की आग में झोंक कर श्री नीतीश कुमार द्वारा पिछड़े व गरीब राज्य की गरीब जनता का ,,, ₹ अपनी चुनावी पिकनिक पर फ़िज़ूलखर्ची करना क्या जायज़ है? जीविका दीदियों के दर्द, भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ ध्वस्त हुए सैंकड़ों पुल-पुलिया, अनियंत्रित अपराध, बेलगाम महंगाई, रिकॉर्डतोड़ बेरोजगारी, प्रशासनिक अराजकता, थानों व ब्लॉक में अन्याय अत्याचार व रिश्वतखोरी की पराकाष्ठा, जहरीली शराब से हजारों लोगों की मौत, शराबबंदी की विफलता, स्मार्ट मीटर की भारी धोखाधड़ी,संस्थागत भ्रष्टाचार, अफ़सरशाही इत्यादि को कोई भी यात्रा अब इनके विनाश की मात्रा को नहीं छिपा सकती? छात्राओं व महिलाओं के लिए जमीन पर कुछ नहीं लेकिन प्रचार के लिए अरबों रुपयों को अधिकारियों के हाथों लुटाया जा रहा है। संवाद के “शून्य मुद्दों” पर नीतीश कुमार ,,, करोड़ रुपए खर्च करने जा रहे है।
तेजस्वी बोले हम जो कहते हैं, वो कर के दिखाते हैं और कर दिया एक बड़ा वादा
तेजस्वी यादव के इस सवाल से सत्ता पक्ष फंस गया है। सवाल यह है कि मुख्यमंत्री को महिलाओं से बात करके समस्या जाननी है, तो वे विभिन्न वर्गों की महिलाओं के प्रतिनिधिमंडल को बुला कर बात कर सकते थे, लेकिन इतना प्रचार करके यात्रा निकालने का क्या मतलब है। साफ है कि राज्य की जनता के पैसे से वे चुनाव की तैयारी कर रहे हैं।