अन्य राज्यों में फंसे बिहारियों को लाने के मामले में संसाधन का रोना रो रही सरकार को तेजस्वी यादव ने पार्टी की तरफ 2 हजार बसें देने का आफर दिया है.
तेजस्वी ने कहा है कि सत्ता से चिपके असमर्थ लोगों के पास मात्र 500 बसें हैं तो हम उससे चार गुना बसें देने को तैयार है.
गौरतलब है कि अन्य राज्यों में लाखों बिहारी कामगार, छात्र, तीर्थयात्री या पर्यटक लॉकडाउन के कारण फंसे हैं. केंद्र सरकार ने गाइडलाइन जारी करते हुए कहा है कि राज्य सरकारें बसों से अपने नागरिकों को वापस ला सकती है.
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लकिन बिहार सरकार ने अपने हाथ खड़े करते हुए कहा है कि उसके पास इतने संसाधन नहीं हैं कि वे तमाम लोगों को ला सके.
इस बीच तेजस्वी यादव ने सरकार से कहा है कि बिहार सरकार ने असमर्थता जताते हुए कहा है कि बाहर फँसे मज़दूरों को वापस लाने के लिए सरकार के पास बसें नहीं है। हम सरकार को 2000 बसें सुपुर्द करने के लिए तैयार है। वो नोडल और प्रशासनिक अधिकारियों की निगरानी में इन बसों का प्रयोग कर सकते है। बसें पटना में कब भेजनी है।बताया जाए।
हालांकि तेजस्वी यादव ने नीतीश सरकार की गुरबत का रोना रोने पर प्रहार भी किया है और कहा है कि विगत 15 सालों से सत्ता से चिपके असमर्थ-असहाय लोग कहते है कि बिहार सरकार के पास मात्र 500-600 बसें है। हम आपको ग़रीब मज़दूरों की मदद के लिए उससे तीन गुणा अधिक बस सौंप रहे है। आप इन बसों का अपनी निगरानी में गृह मंत्रालय के दिशा-निर्देशों का अनुपालन करते हुए प्रयोग किजीए।
याद रहे कि लाकडाउन के दौरान राजस्थान के कोटा में फंसे बिहारी छात्रों को लाने के अनुमति देने से नीतीश सरकार ने साफ मना कर दिया था. लेकिन इसके बावजूद भाजपा के विधायक अनिल सिंह ने अपनी बेटी को कोटा से लाने के लिए एसडीओ से पास निर्गत करवा लिया था. इसके बाद मचे हंगामे के बाद एसडीओ को सस्पेंड कर दिया गया.
इस घटना के बाद तेजस्वी यादव ने नीतीश सरकार को घेरते हुए कहा था कि समपन्न लोगों के लिए अलग कानून है और आम लोगों के लिए अलग. नीतीश सरकार ने एसडीओ को तो सस्पेंड कर दिया लेकिन असल गुनाहगार भाजपा विधायक अनिल सिंह पर कोई कार्रवाई नहीं की.