पूर्व उप मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने पिछले महीने कार्यकर्ता संवाद यात्रा शुरू की थी, जो अब महिला संवाद यात्रा में बदल चुकी है। उनकी माई बहिन मान योजना की चर्चा गांव-गांव पहुंच चुकी है। उनका कार्यक्रम में महिलाओं की भीड़ उमड़ रही है। हालत यह है कि कल तेजस्वी यादव को सासाराम में महिलाओं का अलग कार्यक्रम रखना पड़ा। पूरे हॉल में सिर्फ महिलाएं ही थीं। पहले जदयू-भाजपा और अब जन सुराज के प्रशांत किशोर भी महिलाओं की उमड़ती भीड़ से परेशान हो गए हैं।
पिछले महीने जब तेजस्वी यादव ने दरभंगा में विशेष प्रेस वार्ता में माई-बहिन मान योजना की घोषणा की, तब सत्ता पक्ष ने इसे महत्व नहीं दिया। उसे लगा कि बात आ-गई हो जाएगी, लेकिन तेजस्वी यादव ने इस मुद्दे को छोड़ नहीं। राजद के कार्यकर्ताओं ने इस योजना को गांव-गांव पहुंचा दिया। इसके बाद जब महिवाएं उत्साह के साथ तेजस्वी यादव के कार्यक्रम में जुटने लगीं, तब सत्ता पक्ष नींद से जागा। फिर उसने माई-बहिन योजना की आलोचना शुरू की और अब तो प्रशांत किशोर को भी बोलना पड़ा है।
जन सुराज के नेता प्रशांत किशोर ने प्रेस से बात करते हुए तेजस्वी यादव की माई-बहिन मान योजना पर कई सवाल खड़े किए। कहा कि वे इसके लिए धन कहां से लाएंगे। ऐसी योजना बिहार में लागू ही नहीं हो सकती। बिहार गरीब प्रदेश है आदि-आदि कहा।
————-
राष्ट्रीय अखबारों में अचानक क्यों तेज हुई तेजस्वी की चर्चा
इधर राजद नेताओं ने कहा कि मध्य प्रदेश महिलाओं को सीधे राशि दे सकता है। झारखंड दे सकता है, तो बिहार क्यों नहीं दे सकता। सवाल प्राथमिकताओं का है। तेजस्वी यादव की प्राथमिकता महिलाओं को सशक्त करना है। महिलाओं को यह राशि मिलेगी, तो इससे उद्योग धंधों का विकास होगा। महिलाएं इससे सामन खरीदेंगे। फिर रोजगार भी मिलेगा। कुल मिलाक र माई –बहिन योजना बिहार में आर्थिक गतिरुद्धता तोड़ने में सहायक हो सकता है।