पटना पहुंचते तेजस्वी हुए हमलावर, कहा सरकार वसूली में मस्त, अपराध व हिंसा का बोलबाला
पटना पहुंचते ही तेजस्वी यादव नीतीश सरकार पर हमलावर हो गये हैं. उन्होंने कहा है कि डबल इंजन की सरकार माफियाओं और अफसरों से वसूली में लगी है जबकि कानून व्यवस्था मरणासन्न हाल में है.
तेजस्वी ने कहा किबिहार की लचर कानून व्यवस्था अब मरणासन्न अवस्था में पहुँच चुकी है। पुलिस का काम बस सरकारी आकाओं की राजनीति को पंख देने, उनके इशारे पर नाचने, ब्रजेश ठाकुर जैसे बलात्कारियों, क़ातिलों और माफ़ियाओं का संरक्षण देने का ही रह गया है।
नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि बिहार में हत्या, अपहरण, बलात्कार, फिरौती, रंगदारी और हर तरह के काले कारनामे सत्ता संरक्षण में फल-फूल रहे हैं। इस भयावह माहौल में आम आदमी सहम सहम कर अपनी जान बचाते गुजर बसर करने को विवश है।
छपरा में एक दिन पहले एक दारोगा और हवलदार की सरेआम बीच बाज़ार में सुनियोजित तरीके से बेखौफ अपराधियों ने घेरकर गोलियों से भून दिया। अपराधियों के पास पुलिस से आधुनिक हथियार है। विगत वर्षों में बिहार पुलिस के अनेकों अधिकारी अपराधियों के हाथों मारे जा चुके है। जब पुलिसकर्मी हलाल के बकरे की भाँति बीच बाज़ार मौत के घाट उतार दिए जाएँगे तो आम आदमी की क्या बिसात? क्या पुलिस की इतनी भी दबिश और सरकार का इतना भी इकबाल नहीं बचा?
रिडायर्ड DIG भी सुरक्षित नहीं
कुछ दिन पहले एक रिटायर्ड DIG की उनके परिवार के सामने ही गुंडों ने सरेआम पिटाई कर दी। आज राज्य में हत्या, अपहरण, गैंग रेप, लूट और बलात्कार की घटनाएँ इतनी अधिक हो गयी है कि अब अखबारों के लिए यह आम खबर है जिसे अब सनसनीखेज की श्रेणी में नहीं माना जाता है। जेलों से ही अपराधी अपराध जगत को कंट्रोल और मैनेज कर रहे हैं। जेलों में थोक में सिम, मोबाइल, हथियार मिल रहे हैं। जंगलराज चिल्लाने वाले बेशर्मी से कुछ बोल नहीं पा रहे है।
खौफ के साये में DGP, तब कौन सुरक्षित
तेजस्वी ने कहा कि राज्य के DGP ख़ुद कह रहे है कि अपराधी कभी भी उन्हें गोली मार सकते है। मुख्यमंत्री जी बताए अगर डीजीपी इतने डरे-सहमे हुए है तो आम आदमी का क्या होगा? डीजीपी के इस व्यक्तवय के बाद क्या सरकार को सत्ता में रहने का नैतिक अधिकार रह गया है?
ऐसे अपराधग्रस्त माहौल में व्यवसायी वर्ग पूंजी निवेश करने से कतराने लगा है, व्यापारी बिहार छोड़ रहे है। DGP महोदय क्राइम पर नकेल कसने के बजाय मीडिया मैनेज करने, व्यक्तिगत ब्रांडिंग करने और PC करने में ही व्यस्त रहते हैं। डबल इंजन की सरकार का पूरा ध्यान माफियाओं और अधिकारियों से भ्रष्ट वसूली में ही लगा रहता है तो आम जनता की कौन सुने? अपनी अपनी डफ़ली, अपना अपना राग लेकर जदयु और भाजपा आपसी कलह और खींचतान में आम बिहारी का गला घोंट रहे हैं। इनका एक इंजन अपराध में तो दूसरा भ्रष्टाचार में लगा हुआ है।