पूर्व उपमुख्यमंत्री व राजद नेता तेजस्वी यादव ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर दलितों को प्रताडि़त करने का आरोप लगाया. उन्होंने अपने ट्विटर हैंडल पर लिखा – ‘हमने दलितों की उपेक्षा नहीं होने दी इसलिए हम विपक्ष में है. नीतीश जी को संघी शरण में जाना था, क्योंकि दलितों को प्रताड़ित करना था.’ हालांकि तेजस्वी ने मुख्यमंत्री का प्रत्येक ज़िले में हिंसक विरोध को बेहद चिंतनीय बताया.
नौकरशाही डेस्क
तेजस्वी ने ट्विटर पर शुक्रवार को बक्सर में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के काफिले पर हुए हमले का वीडियो जारी करते हुए कई सवाल खड़े किये. तेजस्वी ने कहा – ‘नीतीश कुमार को समीक्षा यात्रा नहीं क्षमा यात्रा करनी चाहिए. बिहार में कोई महादलित अगर अपने हक़ की माँग करता है तो नीतीश जी उसका यह हश्र कराते है.’ उन्होंने एक अन्य ट्विट में लिखा – ‘लालू जी के नाम पर महादलितों का वोट लेकर संविधान और आरक्षण विरोधी संघियों की झोली में उनका वोट डाल दिया तो क्या अब महादलित भाई अवसरवादी नीतीश जी के इस कृत्य पर उन्हें मिठाई खिलाएँगे ? सब नीतीश जी के तथाकथित कागजी विकास से भलीभाँति परिचित हो चुके है.’
तेजस्वी ने आगे लिखा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार में अगर नैतिक बल और लोकतांत्रिक चरित्र बचा है तो वो बताएं किसके इशारे पर बिहार में उनके ख़िलाफ़ हो रहे विरोध प्रदर्शन की कोई भी ख़बर कहीं भी ना दिखाई जाती और ना ही छापी जाती ? मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को ये भी बताना चाहिए कि उनके किन कृत्यों की वजह से हर जिले में विरोध, उग्र प्रदर्शन और नारेबाज़ी का दुखद सामना करना पड़ रहा है ?
नेता विपक्ष ने लिखा कि CM पर हमला हुआ फिर भी मीडिया क्यों चुप है ? मीडिया मुख्यमंत्री पर हुए हमले को नज़र अन्दाज़ क्यों कर रही है? इनके कागजी विकास की जनता पत्थर बरसाकर पोल खोल रही है? नीतीश कुमार की कार का घेराव, पत्थरबाज़ी लेकिन फिर भी बिहार में जंगलराज नहीं. नीतीश जी, विकास की समीक्षा जनता करती है मुख्यमंत्री नहीं. आत्मचिंतन करिए. ज़मीन पर विकास हुआ नहीं फिर किसकी समीक्षा? महादलित परिवारों से मुख्यमंत्री मिलते है नहीं फिर भी जनसंवाद का ढकोसला. महादलित टोलों में कहीं कोई विकास नहीं हुआ. जनता आक्रोश में सीएम के क़ाफ़िले पर हमला कर रही है, काले झंडे दिखाए जा रहे है.
गौरतलब है कि मुख्यमंत्री के काफिले पर हमले को लेकर जदयू ने नेता विपक्ष तेजस्वी यादव को घसीटा था. जदयू प्रवक्ता संजय सिंह ने अपनी प्रतिक्रिया में कहा कि तेजस्वी यादव का बयान और स्टैंड दर्शाता है कि सीएम पर हुए हमले में कही न कहीं तेजस्वी यादव की मिलीभगत है. हमला सुनियोजित तरीके से कराया गया है. राजनीति में विरोध होना चाहिये पर हिंसक विरोध की कोई जगह नहीं है.