प्रतिपक्ष के नेता तेजस्वी यादव हर दिन नीतीश सरकार पिछले साल अग्सत से ही हर रोज नया आरोप लगाते रहे हैं. ट्वायलेट चोर, सृजन चोर, बहुमत का डकैत आदि के आरोप लगा चुके तेजस्वी ने अब राज्य सरकार पर जाति विशेष का समर्थक, बेशर्म और झूठ बोलने का आरोप लगाया है.
नंदनगांव में पुलिस द्वारा महादलितों पर लाठी चार्ज करने की घटना को ले कर तेजस्वी ने अबकी बार इल्जाम लगाया है. याद रहे कि कुछ दिन पहले तेजस्वी ने कहा था कि वह नीतीश कुमार को घुटने टेकने को मजबूर करते रहेंगे. दर असल उन्होंने मुख्यमंत्री के उस बयान के हवाले से यह बात कही थी जिसमें कनीतीश कुमार ने कहा था कि नंदनगांव लाठी चार्ज मामले में निर्दोषों की जमानंत का विरोध सरकार नहीं करेगी. लेकिन तेजस्वी के अनुसार पुलिस ने ऐसा नहीं किया. इसी मामले पर तेजस्वी ने ट्विटर को अपने आक्रमण का माध्यम बनाते हुए अनेक ट्विट किया है.
पहला ट्विट- नीतीश कुमार किस नैतिकता की दुहाई देते है। लगता है उनकी नैतिकता का रंग गहरा काला है और वो काले अंधेरे में ही अपनी उस नैतिकता से रूबरू होते है। इस पद पर बैठा व्यक्ति कैसे सरेआम दिन-दहाड़े बिहारवासियों को झूठ बोलकर गुमराह करने साहस जुटा पाता है? लगता है अंतरात्मा मलीन हो गई है।
दूसरा ट्विट-नीतीश कुमार ने कहा था सरकार निर्दोषों की ज़मानत का विरोध नहीं करेगी लेकिन अगले दिन ही उनका सरकारी वक़ील ग़रीब महादलितों जिसमें गर्भवती समेत 10 निर्दोष महिलायें थी उनका पुरज़ोर विरोध कर रहा था। कौन ऐसे मुख्यमंत्री पर यक़ीन करेगा? सोचिए और स्वयं को जवाब दिजीए।
तीसरा ट्विट- दंन गाँव घटना में 102 नामजद और करीब 700 अज्ञात अभियुक्त बनाए गए। 29 महादलितों को गिरफ़्तार किया गया।जिसमें 10 महिलायें शामिल हैं।इन गरीब निर्दोष महिलाओं के छोटे-छोटे बच्चों को अपनी माँओ की गैर-मौजूदगी में ठीक से रोटी भी नसीब नहीं हो पा रही है।मकर संक्रान्ति से सब बच्चे भूखे है।
चौथा ट्विट- सार्वजनिक जीवन में बेशर्मी से झूठ की खेती करना कोई बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से सीखें। 3 दिन पहले उन्होंने सबों के सामने कहा था कि नंदन गाँव के निर्दोष महादलितों को छोड़ दिया जायेगा। सरकार उनकी ज़मानत का विरोध नहीं करेगी। लेकिन वो फिर यू-टर्न मार गए!