बिहार में भीषण चुनावी संघर्ष चल रहा है। एक तरफ प्रधानमंत्री, चार मुख्यमंत्री, गृह मंत्री, रक्षा मंत्री सहित कई केंद्रीय मंत्रियों की लंबी फौज है और दूसरी तरफ अकेला तेजस्वी यादव। इसके बावजूद इस 34 साल के युवा ने संसाधनों से भरपूर भाजपा को पसीना छुडा दिया है।
तेजस्वी यादव ने सोशल मीडिया एक्स पर लिखा- बिहार में अकेला साल का तेजस्वी बनाम देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, देश के गृहमंत्री अमित शाह, देश के रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, असम के मुख्यमंत्री
उत्तरप्रदेश के मुख्यमंत्री, मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री, केंद्रीय मंत्रिमंडल के अनेकों मंत्री बिहार के दो-दो उपमुख्यमंत्री सहित पूरा मंत्रिमंडल।
अनेकों हेलीकॉप्टर उड़ा रही है, इनके पास अनलिमिटेड संसाधन है, पानी की तरह …. बहा रहे है। इन सबके बावजूद स्वाभिमानी बिहार की न्यायप्रिय जनता एवं मुद्दों की सकारात्मक राजनीति ने भाजपाइयों को हर सीट और सड़क पर उतार दिया है।
में से सांसद देने वाला बिहार इनसे वर्षों का हिसाब माँग रहा है तो प्रधानमंत्री अगल-बगल झांक कर हिंदू-मुस्लिम, मंदिर-मस्जिद, पाकिस्तान-क़ब्रिस्तान, मछली-तितली की बात कर रहे है लेकिन मजाल है वो नौकरी-रोजगार, बेरोजगारी-गरीबी, महंगाई और विकास-निवेश जैसे मुद्दों पर बात कर सके?
तेजस्वी यादव भाजपा का संसाधनों के मामले में मुकाबला नहीं कर सकते। भजपा बेशुमार धन खर्च कर रही है। बिहार के अखबारों में भर-भर पन्ने का विज्ञापन छप रहा है। सभा स्थल को बड़े इवेंट की तरह सजाया जाता है, जिस पर लाखों खर्च होते हैं। गाड़ी, हेलिकाप्टर की कमी नहीं है। भाजपा के राज्य के नेता भी हेलिकाप्टर से उड़ रहे हैं, उधर तेजस्वी यादव की सभाएं धूप में खुले आकाश के नीचे हो रही हैं, इसके बावजूद जनता उमड़ रही है। दरअसल उनकी ताकत जनता का समर्थन ही है। और उन्हें जनता का समर्थन जनता के मुद्दे के कारण मिल रहा है। अब तो विशेषज्ञ भी मान रहे हैं कि बिहार में लड़ाई बराबर की है। पिछली बार एनडीए को 40 में 39 सीटें मिली थीं, इस बार वह आधी रह जा सकती है।