नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी प्रसाद यादव ने पटना में संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि खुशी की बात है कि हमारे अभिभावक और पिताजी के साथ रहे सामाजिक न्याय की धारा को मजबूती प्रदान करने के लिए मंगनीलाल मंडल राजद में शामिल हुए हैं। इनके आने से अतिपिछड़ा समाज की आवाज मजबूत होगी।

तेजस्वी यादव ने कहा कि आरएसएस जैसे संगठन महात्मा गांधी, बाबा साहब भीमराव अम्बेडकर, नेता जी सुभाष चन्द्र बोस, भगत सिंह, वीर कुंवर सिंह, रानी लक्ष्मीबाई जैसे महापुरूषों के आजादी में किये गये योगदान का अपमान आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत के द्वारा किया जा रहा है। मैं आरएसएस के लोगों से पूछना चाहता हूं कि पिछड़ों और दलितों को कब आजादी मिलेगी। क्या इन वर्गों के आजादी के योगदान को मोहन भागवत जैसे लोग मानते हैं कि नहीं उन्हें यह बताना चाहिए।

इन्होंने आगे कहा कि बिहार में चुनाव आने वाला है और अमित शाह सहित सारे केन्द्रीय मंत्री अब लगातार बिहार आयेंगे और बिहार में केन्द्रीय एजेंसियां भी अपनी सक्रियता दिखायेगी। बिहार में 20 साल से एनडीए की सरकार है और 11 साल डबल इंजन सरकार का हो गया लेकिन बिहार में सरकार के स्तर से क्या कार्य हुए हैं इसका हिसाब आपलोग नहीं बता पा रहे हैं। बिहार में काम हुआ है सिर्फ जुमलाबाजी और बिहार के साथ सौतेले व्यवहार का। नीतीश जी आप बिहार को विशेष राज्य का दर्जा पर चुप्पी क्यों साधे हुए हैं, स्पष्ट कीजिए। आप तो पहले कहते थे कि विशेष राज्य की दर्जे के लिए हम पदयात्रा करेंगे लेकिन सबकुछ अपनी सत्ता और स्वार्थ के लिए भुला दिये। नीतीश जी विशेष पैकेज बिहार से अधिक गुजरात को मिला लेकिन केन्द्र की सरकार बनाने में बिहार की बड़ी भूमिका है। आप क्या कर रहे हैं ये समझ में नहीं आ रहा है।

तेजस्वी ने आगे कहा कि बिहार में जातीय गणना कराकर 65 प्रतिशत आरक्षण की व्यवस्था महागठबंधन सरकार ने की लेकिन डबल इंजन सरकार ने इसे नौवीं अनुसूची में शामिल नहीं करके लगभग 16 प्रतिशत बिहार के पिछड़ों, अतिपिछड़ों, दलितों, आदिवासियों का नुकसान कराया है। इस नुकसान की भरपाई कौन करेगा। बिहार में साढ़े तीन व्यक्ति सरकार और जनता दल यू को चला रहे हैं। मुख्यमंत्री सिर्फ चेहरा के तौर पर सामने हैं। डीके बॉस सुपर सीएम के तौर पर काम कर रहे है। टीटीएम करने वाले सरकार में मालई काट रहे हैं। जब हमारी सरकार थी तो गांधी मैदान में हमने नौकरियां दी लेकिन आज गांधी मैदान में नौजवान पीट रहे हैं और उनपर अत्याचार हो रहे हैं। इसके लिए हम ब्लू प्रिंट लाने का काम करेंगे।

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आगे कहा कि जदयू में अतिपिछड़ा वर्ग को दरकिनार किया जा रहा है। अतिपिछड़ा और दलित वर्ग के नेतृत्व को खत्म कर दिया गया है। वहां पर आरक्षण व्यवस्था के प्रति कोई चिंता नहीं है। अगर चिंता होती तो केन्द्र सरकार संविधान की नौवीं अनुसूची में 65 प्रतिशत आरक्षण की व्यवस्था को शामिल कर दिये होते तो आज जो नुकसान आरक्षण का हो रहा है वो नहीं होता।

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By Editor


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