बदजुबान मामा को तेज ने कहा आऽ के गर्दा उड़ाव तानी
कृष्ण के परम भक्त तेज प्रताप ने अपने कंस रूपी मामा साधु यादव का गर्दा उड़ाने की धमकी दी है. हालांकि इस धमकी में तेज प्रताप ने साधु यादव का नाम नहीं लिया.
तेज प्रताप अपने मामा साधु यादव पर इतने क्रोधित हुए हैं कि उन्होंने नसीहत भरे लहजे में कहा कि पाजामा से बाहर होने की कई जरूरत नहीं है.
दर असल माजरा तब शुररू हुआ जब साधु यादव को पता चला कि छोटे भांजे तेजस्वी यादव ने एक क्रिश्चयन लड़की से शादी कर ली है. इसके बाद साधु यादव इतने नाराज हुए कि उन्होंने तेजस्वी को कलंक तक करार दिया। गुस्सा इस कदर उन पर तारी है कि शादी के बारे में सवाल पूछने पर बोले कि बिहार में वो आए तो जूते चप्पल से स्वागत करो। इसने नाम पर बट्टा लगा दिया.
तेजस्वी को बधाइयों का तांता, मीडिया को दुल्हन का नाम पता नहीं
साधु की इस प्रतिक्रिया पर तेज प्रताप ने भी खूंटाठोक जवाब दिया है. उन्होंने ट्वीट किया कि “रुकऽअ हम आऽवतानी बिहार तऽ गर्दा उड़ाऽव तानी तोहार..! बुढ़-बुजुर्ग बाड़ऽअ, तनिक औक़ात में रहल सिखऽ। पाजामा से बाहर आऽवल के कौनो ज़रूरत नईखे..!”
रुकऽअ हम आऽवतानी बिहार तऽ गर्दा उड़ाऽव तानी तोहार..!
— Tej Pratap Yadav (@TejYadav14) December 11, 2021
बुढ़-बुजुर्ग बाड़ऽअ, तनिक औक़ात में रहल सिखऽ। पाजामा से बाहर आऽवल के कौनो ज़रूरत नईखे..!
साधु का युग
आप को याद दिला दें कि लालू-राबड़ी के मुख्यमंत्रित्व काल में राजद परिवार में साधु यादव की तूती बोलती थी. लालू-राबड़ी के अलावा कोई भी नेता नहीं था जो साधु यादव के मुंह तक लग सके. साधु की इस उदंडता का परिणाम यह होता गया कि राष्ट्रीय जनता दल के वह बेलगाम नेता के रूप में कुख्यात हो गये. इतना ही नहीं कई मामलों में लालू-राबड़ी को उनकी वजह से बदनामी तक झेलनी पड़ती थी. लेकिन 2005 के बाद लालू यादव और राबड़ी देवी के दरवाजे बंद होते चले गये. जब तेजस्वी और जेत की राजनीति परवान चढ़ी तो साधु यादव को पूरी तरह से पार्टी ने किनारे लगा दिया. अब तो स्थिति यह हो गयी है कि किसी भी पारिवारिक फंक्शन में भी साधु यादव को पूछा तक नहीं जाता. कुछ बरस पहले जब तेज प्रताप की शादी हुई तो उसमें बी साधु यादव को शादी कार्ड तक नहीं भेजा गया.