अब गेम बदल चूका है, चिराग ने सांसद भाई को भेजा तेजस्वी से मिलने
शाहबाज़ की इनसाइड पोलिटिकल स्टोरी
लोक जनशक्ति पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष चिराग पासवान के भाई एवं लोजपा प्रदेश अध्यक्ष ने महागठबंधन के उम्मीदवार तेजस्वी यादव से मुलाकात की. वह श्राद्ध कर्म का न्योता देने गए थे.
इस मुलाकात से बिहार में एक नया सियासी गठजोड़ (RJD-LJP Alliance) उभरने की उम्मीद बनती हुई दिख रही है. चिराग ने NDA के खिलाफ बगावती रुख अपना लिया है. हाल ही में भाजपा द्वारा चिराग को वोट कटवा कहे जाने पर आहत चिराग ने भाजपा को सोंच समझकर शब्द इस्तेमाल करने की सलाह दी थी.
अब चिराग के सांसद भाई एवं लोजपा प्रदेश अध्यक्ष प्रिंस राज और राष्ट्रीय जनता दल (RJD) नेता तेजस्वी यादव (Tejashwi Yadav) कि मुलाकात से पारिवारिक संबंधों से आगे राजनीतिक गठजोड़ बनने कि सम्भावना बन रही है.
क्या भाजपा ने चिराग को इस्तेमाल किया – अब आएंगे लोजपा-राजद एक साथ ?
अभी तक एक दुसरे के राजनीतिक विरोधी माने जाने वाले राजद-लोजपा में अब दीवार गिरती हुई नज़र आ रही है. लोजपा सांसद भले ही चिराग पासवान के रिश्ते में चचेरे भाई हैं लेकिन वह लोजपा के प्रदेश अध्यक्ष भी हैं इसलिए इस मुलाकात से एक नया सियासी गठजोड़ बनने की सम्भावना जताई जा रही है.
Bihar Election 2020: तेजस्वी के तेवर से नीतीश नर्वस!
राष्ट्रीय जनता दल नेता तेजस्वी यादव (CM Probable) ने जहाँ तेजस्वी का समर्थन कर राजनीतिक दूरियों को दरकिनार कर चिराग का समर्थन किया. तेजस्वी ने कहा था कि ‘नीतीश कुमार ने चिराग के साथ अन्याय किया है’. वहीँ चिराग ने भी अपने करीबी भाई को उन्हें दिवंगत पिता रामविलास पासवान के श्रध्कर्म में शामिल होने का न्योता भेजा.
इस मुलाकात कि अहमियत समझने के लिए हम यह देख सकते हैं कि न्योता फ़ोन पे भी दिया जा सकता है. इस मुलाकात से यह पब्लिक मेसेज जा रहा है कि दोनों नेता (तेजस्वी और चिराग) एक दुसरे की अहमियत को समझ रहे हैं.
राष्ट्रीय जनता दल (RJD) के राष्ट्रीय अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव (Lalu Prasad Yadav) ने लोजपा संस्थापक रामविलास पासवान के निधन पर गहरा दुःख व्यक्त करते हुए कहा था “रामबिलास भाई के असामयिक निधन का दुःखद समाचार सुन अति मर्माहत हूँ। विगत 45 वर्षों का अटूट रिश्ता और उनके संग लड़ी तमाम सामाजिक, राजनीतिक लड़ाइयाँ आँखों में तैर रही है। रामबिलास भाई, आप जल्दी चले गए। इससे ज़्यादा कुछ कहने की स्थिति में नहीं हूँ”.
लालू यादव ने बताया कि उनके और रामविलास के बीच अटूट पारिवारिक रिश्ता रहा है इसलिए इस बार लालू और पासवान परिवार के राजनीतिक और पारिवारिक रिश्तों में फिर से गर्माहट आती हुई दिख रही है.
आज सुबह लोजपा के प्रदेश अध्यक्ष प्रिंस राज राबड़ी देवी के आवास पहुंचे और राष्ट्रीय जनता दल नेता तेजस्वी यादव (Tejashwi Yadav) से मुलाकात की मुलाकात की। मुलाकात के दौरान प्रिंस राज ने तेजस्वी यादव को दिवंगत नेता राम विलास पासवान की याद में होने वाले ब्रह्मभोज का निमंत्रण दिया।
समाचार एजेंसी ANI ने प्रिंस राज को यह कहते बताया “कोई राजनीतिक बातचीत नहीं हुई है. हमारे बीच (लालू परिवार और पासवान परिवार) पारिवारिक सम्बन्ध कि वजह से मैं उन्हें श्राद्ध का न्योता देने आया था”. मंगलवार को रामविलास पासवान का श्राद्ध कर्म है.
बिहार के युवा नेताओं ने बिहार चुनाव का रुख मोड़ कर रख दिया है. तेजस्वी यादव ने जहाँ मुद्दे आधारित और नीति के साथ राजनीति कर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के समर्थन में कही गयी बात कि ‘नीतीश के आलावा कोई विकल्प नहीं है’ को अपर जनसमर्थन दिखा कर गलत साबित कर दिया. तेजस्वी ने सिर्फ तीन महीने में NDA के संभावित जीत को संभावित हार ने बदल दिया.
वहीँ चिराग पासवान जो पहले भाजपा कि बी टीम बताये जा रहे थे. उन्होंने अब पुराने सियासी और पारिवारिक रिश्तों में गर्माहट लाने का मन बना लिया है. भाजपा ने पहले जदयू के बराबर सीटें हासिल करने के लिए उन्हें जदयू के खिलाफ किया फिर लोजपा को NDA से का हिस्सा होने से इनकार कर दिया था.
लोजपा को वोट कटवा कहने पर आहत चिराग ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से कह दिया कि वह गठबंधन धर्म निभाएं चाहें तो मेरी आलोचना भी कर सकते हैं”. लेकिन केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने लोजपा को बिहार में NDA का हिस्सा होने से इनकार कर दिया. पहले तेजस्वी ने चिराग का समर्थन किया अब चिराग ने NDA के खिलाफ बगावती रुख अपना लिया है.
चिराग पासवान ने हाल ही में असंभव नीतीश कैंपेन लांच किया है. यह तब हुआ है जब भाजपा कि तरफ से यह साफ़ किया जा चूका है कि लोजपा बिहार में NDA गठबंधन का हिस्सा नहीं है. चिराग ने यह भी कह दिया कि नीतीश को फिर से मुख्यमंत्री नहीं बनने देंगे। दरअसल अब नीतीश कुमार राजद और लोजपा दोनों के राजनीतिक दुश्मन हैं. मीडिया हलकों में इसे लेकर सवाल भी उठाये जा रहे हैं कि चिराग ऐसा किसके कहने पर कर रहे हैं.
अब जबकि लोजपा सिर्फ केंद्र स्तर पर NDA कि सहयोगी है जो अब कभी भी टूट सकता है. क्यूंकि भाजपा कि तरफ से ना तो उन्हें पिता रामविलास पासवान का के देहांत के बाद केंद्रीय मंत्री पद का कोई आश्वासन मिला है और न ही प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने रामविलास के निधन के बाद चिराग के समर्थन में कुछ कहा है. इसलिए अब केंद्र स्तर पर भी लोजपा का NDA से रिश्ता टूटता नज़र आ रहा है. ऐसे में अगर चिराग भाजपा का गेम पलटने कि सोंचे तो राजद के साथ Post-Election Alliance बना सकते हैं.
जब चिराग कहते हैं कि नीतीश कुमार को फिर से मुख्यमंत्री नहीं बनने देंगे तो इसका मतलब यह हो सकता है कि वह बिहार में NDA कि सरकार नहीं बनने देंगे। ऐसा इसलिए क्यूंकि भाजपा के शीर्ष नेता और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने दो टूक कह दिया कि मुख्यमंत्री तो नीतीश कुमार ही बनेंगे चाहे NDA को कम वोट मिलें या ज्यादा। इसलिए चिराग अनौपचारिक रूप से तमाम NDA सहित भाजपा का ही विरोध कर रहे हैं.
अब देखना यह है कि राजद और लोजपा के बीच राजनीतिक रिश्तों में आई नयी गर्माहट राजनीतिक गठबंधन के रूप में कब बदलती है. चुनाव से पहले या चुनाव के बाद.