बिहार में लोकसभा चुनाव के तीसरे चरण में पांच सीटों पर मतदान होगा। झंझारपुर, सुपौल, मधेपुरा, अररिया और खगड़िया में मंगलवार को वोट डाले जाएंगे। 2019 के चुनाव में इन पांचों सीटों पर एनडीए की जीत हुई थी। झंझारपुर, सुपौल तथा मधेपुरा में जदयू, अररिया में भाजपा तथा खगड़िया में लोजपा को जीत मिली थी।

2019 के आंकड़ों पर नजर डालने पर एनडीए काफी मजबूत लगता है, लेकिन इस बार जमीनी हकीकत बदल चुकी है। पिछली बार झंझारपुर तथा मधेपुरा में जदयू को तीन लाख से ज्यादा वोटों से जीत मिली थी। इन पांचों सीटों पर एनडीए को 50 प्रतिशत से अधिक वोट मिले थे। अररिया में अपेक्षाकृत मुकाबला नजदीकी था। यहां भाजपा के प्रदीप कुमार सिंह को 53.82 प्रतिशत वोट मिले थे, जबकि राजद के सरफराज आलम को 41.81 प्रतिशत वोट मिले थे। इस बार प्रदीप सिंह का मुकाबला राजद के शहनवाज आलम से है।

इस बार इंडिया गठबंधन खगड़िया और अररिया में कड़ा मुकाबला दे रहा है। खगड़िया के सांसद चौधरी महबूब आलम राजद के साथ आ गए हैं। यहां सीपीएम के संजय कुशवाहा मौदान में हैं। इस क्षेत्र में सबसे ज्यादा आबादी यादव की है। उसके बाद कुशवाहा आबादी है। मुस्लिम आबादी भी ठीक-ठाक है। इन तीनों समुदायों की एकजुटता इस बार सीपीएम के साथ दिख रही है। वहीं लोजपा ने प्रत्याशी बदल दिया है। लोजपा प्रत्याशी राजेश वर्मा सोनार जाति के हैं और भागलपुर के बड़े व्यवसायी हैं। वे पूरी तरह मोदी समर्थकों पर निर्भर हैं। यहां स्थानीय बनाम बाहरी मुद्दा भी चल रहा है। इसी तरह अररिया में 40 फीसदी मुस्लिम आबादी है। यहां अगर धार्मिक ध्रुवीकरण कमजोर हुआ, तो भाजपा के लिए मुश्किल हो जाएगी।

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राजद ने सुपौल में नया प्रयोग किया है। यहां से उसने चंद्रहास चौपाल को प्रत्याशी बनाया है। अगर वे अतिपिछड़े तथा दलितों का वोट ले पाए, तो यहां भी मुकाबला करीबी हो सकता है। इस बार निषाद मतदाता ज्यादा मजबूती से इंडिया गठबंधन के साथ दिख रहे हैं। चौपाल का मुकाबला जदयू के दिलेश्वर कामत हैं। झंझारपुर में जदयू के रामप्रीत मंडल का मुकाबला वीआईपी के सुमन कुमार महासेठ से है। मधेपुरा में जदयू के दिनेश यादव का मुकाबला राजद के चंद्रदीप यादव से है।

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