टिकैत ने दिखाया सरकार पर हमले और तैयारी का नया समन्वय
महापंचायतें नया इतिहास लिख रही हैं। आज चरखी दादरी की सभा में टिकैत बोले अगर किसान गद्दी वापसी मांगने लगे, तो क्या होगा। उनके भाषण में आज किस बात पर जोर था?

कुमार अनिल
आज हरियाणा के चरखी दादरी में हुई सभा में राकेश टिकैत ही आकर्षण के केंद्र थे। उन्होंने एक तरफ मोदी सरकार पर तीखे हमले किए तो आंदोलन लंबा चालाने की जरूरत और तरीके पर भी बात की। लेकिन यह जानना भी जरूरी है कि उनके भाषण में किस बात पर जोर था। यह जानना इसलिए जरूरी है, क्योंकि इसी से आंदोलन कैसे आगे बढ़ेगा, इसे समझा जा सकता है।
किसान नेता राकेश टिकैत ने अपने भाषण में सबसे ज्यादा जोर किसानों की एकता पर दिया। उन्होंने बार-बार कहा कि वे हमें बांटने की कोशिश करेंगे, पर बंटना नहीं। वे जाट और गैर जाट, सरदार और गैर सरदार, पंजाब और हरियाणा में हमें बांटने की कोशिश करेंगे, पर हमें एक रहना है। उन्होंने कई बार कहा कि हमें सरदारों को नहीं छोड़ना है। इससे अच्छी कौम हो नहीं सकती।
उत्तराखंड तबाही : फिर विकास मॉडल पर बहस, राजद ने पीएम को घेरा
टिकैत ने किसानों की एकता पर जोर देने के लिए खापों का इतिहास बताया। कहा कि इसका गठन 15 सौ साल पहले राजा हर्षवर्धन के समय हुआ। जब भी मानवता संकट में पड़ी, जब भी देश को जरूरत पड़ी इन खापों ने आगे बढ़कर काम किया है। उन्होंने हर जाति को जोड़ने पर बार-बार जोर दिया। मजदूरों को भी जोड़ने की बात की और यहां तक कहा कि अब यह जनांदोलन बनेगा।
विजय हजारे ट्रॉफी के लिए बीसीए का ओपन ट्रायल 9 को
बीच-बीच में टिकैत सरकार पर भी हमला करते रहे। उन्होंने मोदी सरकार का नाम लिये बिना कहा कि ये सरकार बनियों की सरकार है। इन्हें किसानों से और भारत से कोई मतलब नहीं है। कहा कि अब तक किसान तीन बिव वापसी की मांग कर रहे हैं, अगर गद्दी वापसी की मांग करने लगें, तब क्या होगा? उन्होंने अंत में युवाओं से कहा कि आप अपना गुस्सा मुझे दे दो। अभी गुस्से की जरूरत नहीं, आंदोलन को बढ़ाने की जरूरत है। वे देशभर के किसानों के बीच जाएंगे।