TMC को डैमेज करे इससे पहले ही ममता ने किया AIMIM को अनाथ
पश्चिम बंगाल चुनाव में भाजपा से बड़ा खतरा असदुद्दीन ओवैसी को मानने वाली TMC ने AIMIM को सधी चाल चलते हुए अनाथ बना दिया है.
राज्य के 30 प्रतिशत आबादी वाले मुस्लिम समाज पर असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी की नजर है. उनकी पार्टी बिहार में सफलता से उत्साहित हो कर पश्चिम बंगाल में चुनाव लड़ने की तैयारी में है. ओवैसी के खतरे को भांपते हुए ममता बनर्जी ने बड़ी रणनीतिक चाल चलते हुए AIMIM के प्रदेश अध्यक्ष समेत अनेक अधिकारियों को अपनी पार्टी में शामिल करवा लिया है.
ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) के कार्यकारी चीफ एसके अब्दुल कलाम ने पाला बदल लिया है। उनके साथ पार्टी के कई और सदस्य व पदाधिकारी भी TMC मे शामिल हो गए हैं।
बंगाल में कहां है Owaisi की नजर, क्या है रणनीति?
पश्चिम बंगाल में चालीस से पचास प्रतिशत या उससे ज्यादा आबादी वाले करीब 7 जिले हैं. इनमें मुर्शिदाबाद (66.28%), मालदा (52.27%), उत्तर दिनाजपुर (51.02%), दक्षिण 24 परगना (38.57%), और बीरभूम (37.06%) की आबादी मुसलमानों की है. इसके अलावा बर्दवान, चौबीस परगना और नादिया ऐसे जिले हैं जहां औसतन 27 प्रतिशत आबादी मुसलमानों की है. ऐसे में असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी पश्चिम बंगाल में ज्यादा ही उम्मीदें लगा बैठी है. राज्य में मुस्लिम वोटरों की भारी संख्या है. इसलिए उसमें बिखराव का खामयाजा ममता बनर्जी को भुगना पड़ सकता है. ऐसे में इस खतरे को खुद ममता बनर्जी भी दबी जुबान से उजागर करती रही हैं.
हाला ही उन्होंने कहा था कि हैदराबाद की पार्टी को बीजेपी पैसे देकर अल्पसंख्यक वोट बंटवा रही है। ममता ने कहा, ”बीजेपी उन्हें पैसे देती है और वे वोटों को बांटने का काम करते हैं। बिहार चुनाव में यह देखा भी गया है।”
ध्यान रहे कि बिहार में 17 प्रतिशत मुस्लिम आबादी है. और पिछले वर्ष यहां हुए विधान सभा चुनाव में असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी ने 5 सीटें जीत कर सब को हैरत में डाल दिया था.