UNHRC ने CAA के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में दायर की हस्तक्षेप याचिका, मची खलबली
CAA यानी नागरिकता संशोधन कानून अब अंतरराष्ट्रीय संगठन द्वारा विवाद के केंद्र में आ गया है.UNHRC संयुक्त राष्ट्र संघ के मानवाधिकार आयोग ने सुप्रीम कोर्ट में इसपर याचिका डाली है.
भारतीय विदेश मंत्रालय ने मंगलवार को इस बात की पुष्टि की और कहा है कि कोई भी विदेशी पार्टी भारत के आंतरिक मामले में इस तरह हस्तक्षेप नहीं कर सकती है. केंद्रीय विदेश मंत्रालय की ओर से मंगलवार को एक बयान जारी किया गया.
बयान में लिखा गया है, ‘जेनेवा में मौजूद हमारे मिशन को सोमवार को जानकारी मिली है कि संयुक्त राष्ट्र के ह्यूमन राइट्स कमिश्नर की ओर से सुप्रीम कोर्ट में नागरिकता संशोधन एक्ट के मसले पर एक याचिका दायर की गई है.’
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रवीश कुमार ने कहा, ‘नागरिकता संशोधन एक्ट भारत का एक आंतरिक मसला है और भारतीय संसद को इस कानून को बनाने की ताकत है. हमें विश्वास है कि कोई बाहरी पार्टी इस भारत के आंतरिक मामले में हस्तक्षेप नहीं कर सकती है’.
आप को याद दिला दें कि नागरिकता संशोधन कानून का देश और विदेश में इसलिए विरोध हो रहा है कि यह पहला कानून है जिसमें धर्म के आधार पर भेदभाव करते हुए पाकिस्तान, बांग्लादेश व अफगानिस्तान के मुस्लिमों को छोड़ कर अन्य धर्मों के नागरिकों को नागरिकता देने की बात कही गयी है.
हालांकि भारत सरकार ने अपने बयान में कहा कि नागरिकता संशोधन एक्ट भारत के संविधान की सभी वैल्यू को पूरा करता है. मानवाधिकार को लेकर देश के द्वारा किए गए वर्षों पहले किए गए बंटवारे के दौरान के वादे को पूरा करता है.
इस कानून के खिलाफ अमेरिका, चीन, पाकिस्तान , तुर्की, इंडोनेशिया और ईरान समेत दुनिया के कई देशों ने बीते दिनों नागरिकता संशोधन एक्ट के खिलाफ अपना विरोध दर्ज कर चुके हैं.
दिसम्बर 2019 में बने इस एक्ट के विरोध में हो रहे आंदोलनों और इससे जुड़े दंगों में करीब 100 लोग मारे जा चुके हैं.