राष्ट्रीय एकता हिंदुस्तान  की शान है

राष्ट्रीय एकता हिंदुस्तान  की शान है

 

राष्ट्रीय एकता का आशय सम्पूर्ण हिंदुस्तान की धार्मिक, क्षेत्रीय, सामुदायिक, आर्थिक, राजनीतिक, सामाजिक और वैचारिक एकता से है.

राष्ट्रीय एकता हिंदुस्तान  की शान है

 

 

हमारे देश में पूजा-पाठ, रहन-सहन और वेशभूषा आदि में अंतर आ सकता है परन्तु देश की रक्षा के लिए सारे देशवाशी प्रतिवद्ध, समन्वित और एकजुट रहते हैं. एकता की भावना शक्तिशाली एवं विकसित राष्ट्र का निर्माण करती है.

 

जब भी हमारे देश पर बहरी शत्रुओं का आक्रमण होता है तब देश में एकता और मजबूत एवं संगठित हो जाती है, लेकिन इसके बाद आन्तरिक विभेद, प्रांतवाद, जातिवाद, साम्प्रदायिकता और आतंकवाद आदि कारणों से देश की एकता को हानि पहुँचाने वाले तत्व सक्रीय हो जाते हैं.

 

इसलिए लोकतंत्र की स्थिरता, स्वतंत्रता और सर्वोमुखी विकास के लिए राष्ट्रीय एकता आवश्यक है.

सरदार पटेल की जयंती पर आयोजित हुआ एकता दौड़

 

हमारा देश प्राचीन काल से विभिन्नता में एकता सांस्कृतिक विरासत के रूप में विधमान रही है. हम चाहे किसी भी मजहब, भाषा, जाति या समुदाय के हों, परन्तु दुसरो की संस्कृति का सम्मान करना चाहिए.

 

हिंदुस्तान ने अनेक प्रकार की भौगोलिक एवं सांस्कृतिक विविधताए होने के बावजूद भी अनेकता में एकता इसकी विशेषता है.

 

राष्ट्र की एकता और अखंडता को मजबूती प्रदान करें 

प्राचीन काल में भारतीय समाज विभिन्न वर्ण-व्यवस्थाओं में बँटा हुआ था. जो कर्म व्यवस्था के आधार पर आधारित थी. पिछले कई दशकों से वर्ण-व्यवस्था विभिन्न कारणों से जातिवाद के रूप में विकसित हुई.

 

 

इससे हमारे देश की एकता और अखंडता की समस्या उत्पन्न हुई है.

दुनिया के सबसे विविधता वाले राष्ट्र भारत को ‘श्रेष्ठ’ बनाती है हमारी एकता

 

इस लिए इस प्रकार की कुप्रथाओं को छोड़कर मानवता को अपनाते हुए राष्ट्र की एकता और अखंडता को मजबूती प्रदान करना चाहिए. हमें धार्मिक, जातीय, सामुदायिक इत्यादि एकता को सुदृढ़ करना चाहिए जिससे कि हमारा देश दुनिया में अग्रणी भूमिका निभा सके.

By Editor


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