बिहार के शिक्षा मंत्री कृष्णनंदन प्रसाद वर्मा ने प्रौद्योगिकी एप्लिकेशन के जरिये गुणवत्तापूर्ण शिक्षा उपलब्ध कराने के लिए इस वर्ष अगस्त से पूरे राज्य में ‘उन्नयन बिहार’ योजना लागू किये जाने की घोषणा की।
श्री वर्मा ने विधानसभा में वित्त वर्ष 2019-20 के लिए शिक्षा विभाग की बजट मांग पर हुई चर्चा का जवाब देते हुये कहा कि राज्य में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नेतृत्व में शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार के लिए कई आवश्यक कदम उठाये गये हैं। उन्होंने कहा, “राज्य के विद्यालयों में प्रौद्योगिकी एप्लिकेशन के जरिये गुणवत्तापूर्ण शिक्षा उपलब्ध कराने के लिए इस वर्ष अगस्त से ‘उन्नयन बिहार’ योजना लागू की जाएगी। इससे विद्यार्थियों को प्रौद्योगिकी आधारित शिक्षा प्राप्त करने का अवसर प्राप्त होगा।”
मंत्री ने कहा कि मुख्यमंत्री श्री कुमार के निर्देशों के अनुसार, शिक्षक पात्रता परीक्षा (टीईटी) और विशेष शिक्षक पात्रता परीक्षा (एसटीईटी) उत्तीर्ण अभ्यर्थियों के परिणाम की वैद्यता को दो वर्ष बढ़ा दिया गया है। इससे अभ्यर्थियों के अगले दो वर्ष में शिक्षक के पद पर बहाल होने की पात्रता बची रह गई अन्यथा वह अपना अवसर गंवा देते।
श्री वर्मा ने कहा कि राज्य में वर्तमान में 13 सरकारी विश्वविद्यालय हैं। इनके अलावा सात निजी विश्वविद्यालय खोले गये हैं। इनमें एमिटी विश्वविद्यालय पटना, संदीप विश्वविद्यालय मधुबनी, के. के विश्वविद्यालय नालंदा, डॉ. सी. वी. रमण विश्वविद्यालय वैशाली, गोपाल नारायण विश्वविद्यालय जमुहार, अलकरीम विश्वविद्यालय कटिहार एवं माता गुजरी विश्वविद्यालय किशनगंज शमिल हैं। उन्होंने बताया कि तकनीकी शिक्षा के लिए आर्यभट्ट ज्ञान विश्वविद्यालय की स्थापना की गई है। इसके अधीन स्कूल ऑफ जर्नलिज्म एंड मास कम्युनिकेशन, पाटलिपुत्र स्कूल ऑफ इकोनॉमिक्स, सेंटर फॉर रिवर स्टडजी एवं सेंटर फॉर ज्योग्रफिकल स्टडीज संचालित हो रहे हैं।
मंत्री ने कहा कि मुख्यमंत्री सात निश्चय योजना के तहत स्टूडेंट्स क्रेडिट कार्ड योजना की शुरुआत की गई लेकिन उच्च शिक्षा प्राप्त करने के लिए गरीब विद्यार्थियों को ऋण देने में बैंकों की उदासीनता सामने आई। मुख्यमंत्री श्री कुमार के निर्देश के अनुसार, सरकार ने इस योजना के तहत विद्यार्थियों को अपने खजाने से ऋण देने का निर्णय लिया और इसके लिए अलग से निगम का गठन किया गया। उन्होंने बताया कि निगम बनाये जाने के बाद से विद्यार्थियों को आसानी से ऋण प्राप्त हो रहे हैं।
श्री वर्मा ने कहा कि मुख्यमंत्री श्री कुमार नेे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से शताब्दी वर्ष के दौरान पटना विश्वविद्यालय को केंद्रीय विश्वविद्यालय का दर्जा दिये जाने का आग्रह किया था। उम्मीद है कि मुख्यमंत्री के आग्रह को केंद्र सरकार स्वीकार कर लेगी। उन्होंने बताया कि गया और मोतिहारी में भी केंद्रीय विश्वविद्यालय खोले गये हैं।