यूपी में का बा? एक से एक तुकबंदी में खोली पोल
बिहार विधानसभा चुनाव से पहले ‘बिहार में का बा’ गीत चर्चित हुआ था। अब गीत, कविता और तुकबंदी से लोगों ने श्रेष्ठ यूपी, नंबर वन यूपी की खोली पोल।
कल ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अलीगढ़ में एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए उत्तर प्रदेश को विकास, रोजगार से लेकर कोविड मैनेजमेंट तक में नबर वन प्रदेश घोषित किया। और प्रधानमंत्री को तुरत जवाब मिलने लगा। कुछ ही देर बाद सोशल मीडिया में ‘यूपी में का बा?’ शुरू हो गया, जो अब भी जारी है।
कवयित्री और लेखिका सुजाता ने कल देर शाम ट्वीट करके पूछा-यूपी में का बा?
पेशे से इंजीनियर और लगातार भोजपुरी में लेखन करनेवाले नवीन के तिवारी ने जवाब दिया-
डेंगू बोखार बा
लोग बेमार बा
युवा बेरोजगार बा
किसान लाचार बा
नफरत के बाजार बा
बाढ सगरे आइल बा
प्रशासन त लुकाइल बा
मंदिर मस्जिद में अझुराइल बा
सरकार त कोहनाइल बा
खराब भइल चाल बा
दु नमरी मालामाल बा
मजूर किसान कंगाल बा
युपी के इहे हाल बा।
सुजाता ने फिर लिखा- बहुत बुरा हाल बा।
पत्रकार उमाशंकर सिंह ने जवाब दिया-बीपी बढ़ल बा। जाहिर है उमा ने इशारों में योगी-मोदी को लपेटा।
दीपक कुमार ने लिखा-
नफरत का खेती लहलाए रहे
अंधभक्त कुकरमुत्ते सब जगह पाए रहे।
हिंदी और उर्दू के कवि पुष्पराज यादव ने लिखा-योगी जी की महिमा बरस रही है चारों ओर डेंगू बुखार और व्यवस्थाओं के अभावों में जनता राम नाम को प्यारी हो रही है । महंगाई तो मुद्दा ही नहीं रह गई जनहित कार्यों की तरह बस सवर्ण हिंदू समाज की जय और बाकी को लड़वाने का काम जारी है।
लेखक और कवि शिवानंद यादव ने लिखा-
झूठ बा, फरेब बा
जाति और जनेऊ बा
कार बा, बेकार बा,
शौक बा, श्रृंगार बा
और बहुत बा……।
बच्चों के लिए लिखनेवाले पंकज चतुर्वेदी ने ट्वीट किया- यूपी में बहुत झोस बा।
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