लोकसभा चुनाव में उप्र की आधी सीट भी नहीं जीतने वाली भाजपा में भारी कलह जारी है। इसी बीच एक और नई खबर यह है कि प्रदेश की 10 विधानसभा सीटों के लिए होनेवाले उप चुनाव के लिए कांग्रेस तथा सपा में समझौता हो गया है। फिलहाल आधिकारिक घोषणा नहीं की गई है, लेकिन खबर है कि तालमेल हो गया है, कभी भी घोषणा हो सकती है। खबर के मुताबिक सपा सात तथा कांग्रेस तीन विधानसभा सीटों पर चुनाव लड़ेगी। इन दस सीटों में अधिकतर विधायकों के सांसद चुने जाने के बाद खाली हुई हैं।
उप्र भाजपा में घमासान जारी है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के खिलाफ भाजपा के कई नेता तथा सहयोगी दल खुलेआम मोर्चा खोल चुके हैं। उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य एक खेमे का नेतृत्व कर रहे हैं। माना जा रहा है कि उन्हें केंद्रीय नेतृत्व का समर्थन हासिल है। मुख्यमंत्री योगी की कुर्सी खतरे में है। दरअसल लोकसभा चुनाव में मिली करारी हार का ठीकरा मुख्यमंत्री के सिर फोड़ने की तैयारी है, जबकि योगी आदित्यनाथ फिलहाल हथियार डालते नजर नहीं आ रहे।
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उप्र में दस सीटों के उपचुनाव का महत्व बढ़ गया है। इसे 2027 चुनाव का सेमीफाइनल माना जा रहा है। इधर कांग्रेस तथा सपा के हौसले बुलंद हैं। लोकसभा चुनाव में सपा ने 37 तथा कांग्रेस ने छह सीटों पर भाजपा को शिकस्त दी है। अब फिर उप चुनाव के लिए दोनों दलों में तालमेल हो गया है। खबरों के अनुसार भाजपा ने भी जीवन मरण का प्रश्न बना लिया है। उसने हर सीट पर तीन से चार मंत्रियों को प्रभारी बनाया है। भाजपा की कोशिश है कि फैजाबाद के सांसद अवधेश प्रसाद की विधानसभा सीट किसी प्रकार जीती जाए, ताकि हो रही फजीहत कुछ कम हो सके। इधर सपा और कांग्रेस ने भी दसों सीट जीतने की रणनीति बनाने के लिए अपने-इपने दलों के नेताओं की बैठक बुलाई है।
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