जहाँ एक तरफ समाजवादी पार्टी ने इसे काला कानून कहा वही कांग्रेस पार्टी ने आशंका जताई है कि इस विशेष पुलिस बल द्वारा सरकार के विरोधियों, दलितों और अल्पसंख्यकों का दमन होगा। वही पूर्व नौकरशाह इसकी तुलना हिटलर की सीक्रेट पुलिस ‘गेस्टापो’ से कर रहे है.
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शाहबाज़ की विशेष रिपोर्ट
उत्तर प्रदेश की योगी सरकार की विशेष सुरक्षा बल (UPSSF) के गठन को लेकर देशभर में आलोचना हो रही है. इसके तहत सुरक्षा बलों को किसी भी व्यक्ति को बिना वारंट गिरफ़्तार करने और तलाशी लेने समेत अनेक असीमित अधिकार मिल जाएँगे.
उत्तर प्रदेश सरकार ने रविवार को विशेष सुरक्षा बल के गठन की अधिसूचना जारी कर दी है. विशेष सुरक्षा बलों की तैनाती शुरुआत में सरकारी इमारतों, धार्मिक स्थलों जैसी जगहों पर होगी और निजी क्षेत्र के प्रतिष्ठान भी पैसे देकर इनकी सेवाएँ ले सकेंगे। अधिनियम की खास बात यह है कि मुताबिक़ इस विशेष सुरक्षा बल द्वारा कार्यवाई के खिलाफ कोई मुकदमा दर्ज नहीं कराया जा सकेगा और बिना सरकार की इजाज़त के न्यायालय भी विशेष सुरक्षा बल के किसी सदस्य के विरुद्ध किसी अपराध का संज्ञान नहीं लेगा.
इस अधिनियम के गठन पर कई तरह के सवाल उठ रहे हैं. कांग्रेस पार्टी ने इसे दमनकारी कानून बताया है. यूपी कांग्रेस अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू ने कहा “राज्य में क़ानून-व्यवस्था में फेल हो चुकी बीजेपी सरकार ने एसएसएफ़ का गठन इसलिए किया है ताकि अपने विरोधियों पर अपने ही इशारे पर मनमानी कार्रवाई कर सके और लोगों को प्रताड़ित कर सके. इस क़ानून से विरोधियों का, दलितों, पिछड़ों, ग़रीबों और अल्पसंख्यकों का दमन होगा. लोकतंत्र और संविधान की मूल भावनाओं के ख़िलाफ़ यह क़ानून तत्काल रद्द किया जाना चाहिए. न दलील, न वकील के सिद्धांत पर काम करने वाले इस क़ानून के ख़िलाफ़ हम सदन से लेकर सड़क तक लड़ेंगे.”
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वही समाजवादी पार्टी ने इसे कला कानून बताते हुए कहा कि SSF नहीं ये धोखा है। सत्ता की ताकत से संवैधानिक अधिकारों के दमन की साज़िश है. यूपी में ठोक दो संस्कृति के तहत अब जिसे चाहे, जब चाहे उठा लो। ना वारंट, ना बेल, ना सबूत, ना सुनवाई। जिस पर सीएम की निगाह टेढ़ी हुई,उसकी शामत आई! मानवाधिकार और संवैधानिक अधिकारों का हनन है ये काला कानून।
विपक्षी पार्टी के आलावा पूर्व नौकरशाह भी इस विशेष सुरक्षा बल के गठन का विरोध कर रहे है. रिटायर्ड आईएएस सूर्य प्रताप सिंह (Surya Pratap Singh) ने ट्वीट कर कहा कि UPSSF को बिना वारंट को किसी की भी तलाशी लेने व गिरफ्तार करने का हक़ होगा l क्या ये हिलटर की सीक्रेट पुलिस गेस्टापो की तरह विरोध को कुचलने के लिए होगी”.
पत्रकार रोहिणी सिंह (Journalist Rohini Singh) ने योगी सरकार के विशेष पुलिस बल के गठन पर कहा कि “UP में ‘वारंट लाए हो’ सवाल इतिहास हो गया, क्यूँकि योगी सरकार को जनता और न्यायपालिका से ज्यादा पुलिस अधिकारियों पर भरोसा है। एक अलोकतांत्रिक ढाँचा बनाया गया है ‘SSF’ जो आपको बिना सूचना गिरफ्तार कर सकता है और बिना वारंट आपके घर में घुस सकता है। महामारी में सरकार की प्राथमिकता देखिए”
अधिनियम में कहा गया है कि इस विशेष पुलिस बल का इस्तेमाल निजी प्रतिष्ठान भी कर सकेंगे। आशंका जताई जा रही है कि तमाम प्रतिष्ठानों में, ख़ासकर अस्पताल जैसी जगहों पर अगर इनका उपयोग होने लगेगा। अगर इस विशेष बल की सेवा अस्पताल लेंगे लगे तो मरीज़ और उनके परिजन अपनी आवाज़ भी नहीं उठा सकेंगे।
उत्तर प्रदेश गृह विभाग के अधिकारी अवनीश अवस्थी के मुताबिक यूपी एसएसएफ़ (UPSSF) के पास इलाहाबाद हाईकोर्ट, लखनऊ खंडपीठ, ज़िला न्यायालयों, राज्य सरकार के महत्वपूर्ण प्रशासनिक कार्यालयों, पूजा स्थलों, मेट्रो रेल, हवाई अड्डों, बैंकों और वित्तीय संस्थाओं, औद्योगिक प्रतिष्ठानों की सुरक्षा की ज़िम्मेदारी होगी. पैसे देकर निजी क्षेत्र के प्रतिष्ठान भी इसकी सेवाएँ ले सकेंगे और उन परिस्थितियों में भी पुलिस बल के ये असीमित अधिकार कायम रहेंगे।